Skip to content

ज़ुल्फ़िकार नक़वी

ज़ुल्फ़िकार नक़वी की रचनाएँ

दूर तक इक सराब देखा है दूर तक इक सराब देखा है वहशतों का शबाब देखा है ज़ौ-फ़िशाँ क्यूँ है दश्त के ज़र्रे क्या कोई… Read More »ज़ुल्फ़िकार नक़वी की रचनाएँ