जानकी प्रसाद द्विवेदी की रचनाएँ
दोहा / भाग 1 परम पुरुष कवि जानकी, बन्दत हौं सिर नाय। निज ही अनुभव तें हिए, जो प्रभु जान्यो जाय।।1।। साँचे कवि कवि जानकी,… Read More »जानकी प्रसाद द्विवेदी की रचनाएँ
दोहा / भाग 1 परम पुरुष कवि जानकी, बन्दत हौं सिर नाय। निज ही अनुभव तें हिए, जो प्रभु जान्यो जाय।।1।। साँचे कवि कवि जानकी,… Read More »जानकी प्रसाद द्विवेदी की रचनाएँ