Skip to content

तंग इनायतपुरी

तंग इनायतपुरी की रचनाएँ

केहू कइसे बिचारे कटी जिन्दगी केहू कइसे बिचारे कटी जिन्दगी, का गजल के सहारे कटी जिन्दगी। जिन्दगी, जिन्दगी, जिन्दगी, जिन्दगी, रटते-रटते उधारे, कटी जिन्दगी। भीख… Read More »तंग इनायतपुरी की रचनाएँ