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रमानाथ अवस्थी

रमानाथ अवस्थी की रचनाएँ

करूँ क्या  सुर सब बेसुरे हुए करूँ क्या ? उतरे हुए सभी के मुखड़े सबके पाँव लक्ष्य से उखड़े उखड़ी हुई भ्रष्ट पीढ़ी से विजय-वरण के… Read More »रमानाथ अवस्थी की रचनाएँ