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‘रसा’ चुग़ताई

‘रसा’ चुग़ताई की रचनाएँ

अपनी बे-चेहरगी में पत्थर था  अपनी बे-चेहरगी में पत्थर था आईना बख़्त में समंदर था सर-गुजिश्‍त-ए-हवा में लिखा है आसमाँ रेत का समंदर था किस… Read More »‘रसा’ चुग़ताई की रचनाएँ