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विश्वनाथ शर्मा

विश्वनाथ शर्मा की रचनाएँ

वंदे मातरम् क़ौम के ख़ादिम की है जागीर वंदे मातरम्, मुल्क के है वास्ते अकसीर वंदे मातरम्। ज़ालिमों को है उधर बंदूक अपनी पर ग़रूर,… Read More »विश्वनाथ शर्मा की रचनाएँ