शान-उल-हक़ हक़्क़ी की रचनाएँ
ऐ दिल अब और कोई क़िस्सा-ए-दुनिया न सुना ऐ दिल अब और कोई क़िस्सा-ए-दुनिया न सुनाछेड़ दे ज़िक्र-ए-वफ़ा हाँ कोई अफ़्साना सुना ग़ीबत-ए-दहर बहुत गोश-ए-गुनहगार… Read More »शान-उल-हक़ हक़्क़ी की रचनाएँ
ऐ दिल अब और कोई क़िस्सा-ए-दुनिया न सुना ऐ दिल अब और कोई क़िस्सा-ए-दुनिया न सुनाछेड़ दे ज़िक्र-ए-वफ़ा हाँ कोई अफ़्साना सुना ग़ीबत-ए-दहर बहुत गोश-ए-गुनहगार… Read More »शान-उल-हक़ हक़्क़ी की रचनाएँ