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शाह दीन हुमायूँ

शाह दीन हुमायूँ की रचनाएँ

क्यूँ मुश्त-ए-ख़ाक पर कोई दिल दाग़दार हो  क्यूँ मुश्त-ए-ख़ाक पर कोई दिल दाग़दार हो मर कर भी ये हवस कि हमारा मज़ार हो बढ़ जाए… Read More »शाह दीन हुमायूँ की रचनाएँ