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शिवराम

शिवराम की रचनाएँ

चाह  वह तट खोज रहा है मैं समन्दर वह दो गज ज़मीन मैं दो पंख नवीन उसे शांति की चाह है मुझे बगावत की तृप्ति-अतृप्ति… Read More »शिवराम की रचनाएँ