शीला गुजराल की रचनाएँ
मेरे खिलौने मेरे खिलौने हैं अनमोल, कोई लंबे, कोई हैं गोल। कुत्ता, बंदर भालू, शेर, मिट्टी के ये पीले बेर। इक्का, साइकिल, टमटम, ट्रेन, रंग-बिरंगी… Read More »शीला गुजराल की रचनाएँ
मेरे खिलौने मेरे खिलौने हैं अनमोल, कोई लंबे, कोई हैं गोल। कुत्ता, बंदर भालू, शेर, मिट्टी के ये पीले बेर। इक्का, साइकिल, टमटम, ट्रेन, रंग-बिरंगी… Read More »शीला गुजराल की रचनाएँ
उर्वर धरती गति में प्रगति प्रगति में जीवन जीवन में नव जीवन भरती मेरे गीत उजागर करती बाँझ नहीं यह उर्वर धरती। राह हारी मैं… Read More »शील की रचनाएँ
वो कहाँ चश्मे-तर में रहते हैं वो कहाँ चश्मे-तर में रहते हैं ख़्वाब ख़ुशबू के घर में रहते हैं शहर का हाल जा के उनसे… Read More »शीन काफ़ निज़ाम की रचनाएँ
समय उड़ रहा पंख लगाकर समय उड़ रहा पंख लगाकर, दो पल तो जी लें, मुस्का लें। जीवन की आपा-धापी से आओ थोड़ा चैन चुरा… Read More »शीतल बाजपेयी की रचनाएँ
शिशु दोहावली (१) जीव अनेकों में रमे, यद्यपि हो तुम एक, नाथ! तुम्हे कितने कहे, एक कहें कि अनेक (२) रे जग- पथ के पथिक!… Read More »शिशु पाल सिंह ‘शिशु’की रचनाएँ
एक परी आए एक परी आए, गरमी को दूर भगाए! परी हमारी दोस्त बन जाए साथ हमारे खेले, साथ हमारे गाए! एक परी आए, दुनिया… Read More »शिवांक की रचनाएँ
ईश्वर का दास आदमी ने पत्थ रों को काटकर चेहरे गढ़े पत्थ रों को समर्पित हुआ लड़ाइयाँ लड़ीं और समर्पण के बाद की प्रेरणाएँ लीं… Read More »शिवशंकर मिश्र की रचनाएँ
चाह वह तट खोज रहा है मैं समन्दर वह दो गज ज़मीन मैं दो पंख नवीन उसे शांति की चाह है मुझे बगावत की तृप्ति-अतृप्ति… Read More »शिवराम की रचनाएँ
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ बीज गिरा बीज कोई अनजान उम्मीदों का उमड़ा तूफ़ान धरती सीने हुई रोपाई फसल स्वप्न की लहलहाई थी सख्त धरा जैसे मरू… Read More »सपना मांगलिक की रचनाएँ
परिचय हम दीवानों का क्या परिचय? कुछ चाव लिए, कुछ चाह लिए कुछ कसकन और कराह लिए कुछ दर्द लिए, कुछ दाह लिए हम नौसिखिए,… Read More »शिवमंगल सिंह ‘सुमन’की रचनाएँ