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सआदत यार ख़ाँ रंगीन

सआदत यार ख़ाँ रंगीन की रचनाएँ

अब मेरी दो-गाना को मिरा ध्यान है क्या ख़ाक अब मेरी दो-गाना को मिरा ध्यान है क्या ख़ाक इंसान की अन्ना उसे पहचान है क्या… Read More »सआदत यार ख़ाँ रंगीन की रचनाएँ