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सतीश शुक्ला ‘रक़ीब’

सतीश शुक्ला ‘रक़ीब’ की रचनाएँ

वो जुदा हो के रह न पाया है वो जुदा हो के रह न पाया है रूठकर खुद मुझे मनाया है ज़िंदगी धूप में कटी… Read More »सतीश शुक्ला ‘रक़ीब’ की रचनाएँ