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सीमा संगसार

सीमा संगसार की रचनाएँ

अछूत तुम फेंक देते हो वह थाली जिसमें मैं झाँकती हूँ अपने अक्स को मेरी परछाइयाँ भी तुम्हें उद्विग्न कर देते हैं… तुम्हारे प्रार्थना घरों… Read More »सीमा संगसार की रचनाएँ