हरकीरत हीर की रचनाएँ
ग़ज़लें चलो ज़िन्दगी को मुहब्बत बना दें चलो ज़िन्दगी को मुहब्बत बना देंजहां से ज़ुलम औ’ सितम हम मिटा दें अहम की दिवारें नहीं मीत… Read More »हरकीरत हीर की रचनाएँ
ग़ज़लें चलो ज़िन्दगी को मुहब्बत बना दें चलो ज़िन्दगी को मुहब्बत बना देंजहां से ज़ुलम औ’ सितम हम मिटा दें अहम की दिवारें नहीं मीत… Read More »हरकीरत हीर की रचनाएँ