बलबीर सिंह ‘रंग’की रचनाएँ
ज़माना आ गया ज़माना आ गया रुसवाइयों तक तुम नहीं आए । जवानी आ गई तनहाइयों तक तुम नहीं आए ।। धरा पर थम… Read More »बलबीर सिंह ‘रंग’की रचनाएँ
ज़माना आ गया ज़माना आ गया रुसवाइयों तक तुम नहीं आए । जवानी आ गई तनहाइयों तक तुम नहीं आए ।। धरा पर थम… Read More »बलबीर सिंह ‘रंग’की रचनाएँ
लड़की का इतिहास हर बाग़ का एक इतिहास होता है जैसे- इस बाग़ का भी अपना एक इतिहास है हर व्यक्ति का एक इतिहास होता… Read More »बलदेव वंशी की रचनाएँ
ज़िन्दगानी के भी कैसे-कैसे मंज़र हो गए ज़िन्दगानी के भी कैसे-कैसे मंज़र[1] हो गए । बे-सरोसामाँ[2] तो थे ही, अब तो बेघर हो गए । तुमसे मिलने… Read More »बलजीत सिंह मुन्तज़िर की रचनाएँ
दोहे रहे शारदा शीश पर, दे मुझको वरदान। गीत, गजल, दोहे लिखूँ, मधुर सुनाऊँ गान। हंस सवारी हाथ में, वीणा की झंकार, वर दे माँ… Read More »बनज कुमार ‘बनज’की रचनाएँ
कवि कुल परम्परा आकाश में मेरा एक नायक है राहू गगन दक्षिणावर्त में जग-जग करता धीर मन्दराचल-सा सिंधा, तुरही बजा जयघोष करता चन्द्रमा द्वारा अपने… Read More »बद्रीनारायण की रचनाएँ
मुरली राजत अधर पर मुरली राजत अधर पर उर विलसत बनमाल। आय सोई मो मन बसौ सदा रंगीले लाल॥ सीस मुकुट कर मैं लकुट कटि… Read More »बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’की रचनाएँ
आई चिड़िया आले आई आई चिड़िया आले आई, आई चिड़िया बाल आई! चूँ-चूँ करती चिड़िया आई, दाब चोंच में दाना लाई। दाना आया, पानी आया,… Read More »बंधुरत्न की रचनाएँ
शीर्षक की तरह तुम हमारे संघर्षशील जीवन का सच आज नहीं तो कल अवश्य जान जाओगे हवा में तैरती ख़ुशबू की तरह। तुम्हारी उड़ान शून्य… Read More »भोला पंडित प्रणयी की रचनाएँ
मूँछे वाह-वाह ये काली मूँछें, लगती बड़ी निराली मूँछें। किसी-किसी की इंच-इंच भर, कुछ ने गज भर पाली मूँछें। कुछ लोगों के तो सचमुच की,… Read More »भैरूंलाल गर्ग की रचनाएँ
इन्द्र जिमि जम्भ पर इन्द्र जिमि जंभ पर, बाडब सुअंभ पर, रावन सदंभ पर, रघुकुल राज हैं। पौन बारिबाह पर, संभु रतिनाह पर, ज्यौं सहस्रबाह… Read More »भूषण की रचनाएँ