भूपेन्द्र नारायण यादव ‘मधेपुरी’की रचनाएँ
आदमी दिन में सूरज की रौशनी रात में बिजली की चकाचौंध आख़िर अंधेरा ! जाए तो जाए किधर ? सिमटकर दुबक गया अंधेरा आदमी के अन्दर और… Read More »भूपेन्द्र नारायण यादव ‘मधेपुरी’की रचनाएँ
आदमी दिन में सूरज की रौशनी रात में बिजली की चकाचौंध आख़िर अंधेरा ! जाए तो जाए किधर ? सिमटकर दुबक गया अंधेरा आदमी के अन्दर और… Read More »भूपेन्द्र नारायण यादव ‘मधेपुरी’की रचनाएँ
मेरे पुरखे (एक) वे अड़े रहे अंत तक खड़े रहे अपनी खुरदरी जड़ें जमाए फ़सल कटने के बाद भी जैसे खेतों में खड़े रहते हैं… Read More »भूपिन्दर बराड़ की रचनाएँ
छंद भतरी गोवर्धनपुर है निवास मेरा, किंतु बाल-बाटिका में जीवन बिताता हूँ। ‘मास्टर जी,’ पंडित जी’,’ कवि जी’ बताते लोग, किंतु मैं तो मुंशी जी… Read More »भूपराम शर्मा भूप की रचनाएँ
तीन बिल्लियाँ चिलबिल्ली थीं तीन बिल्लियाँ चिलबिल्ली, जो ऊधम मचाती थीं, दिनभर म्याऊँ-म्याऊँ करके, चीजें भी खूब चुराती थीं! बप्पा की घड़ी उठा लेतीं, दिद्दा… Read More »भूपनारायण दीक्षित की रचनाएँ
हुआ सवेरा बीती रात, प्रात मुसकाया बोलीं चिड़ियाँ-चूँ-चूँ! प्यारा कुत्ता करता फिरता पूँछ हिलाकर-कूँ-कूँ! देने लगीं सुनाई, सड़कों पर- मोटर की पों-पों! जोर-जोर से लगे… Read More »भीष्मसिंह चौहान की रचनाएँ
नाद स्वाद तन बाद तज्यो मृग है मन मोहत नाद स्वाद तन बाद तज्यो मृग है मन मोहत। परयो जाल जल मीन लीन रसना रस… Read More »भीषनजी की रचनाएँ
शब्द संधान मुस्कान की महक हो जाती जब बहुत दूर, तब चेहरों पर, दुश्चिन्ताओं, तनावों की रेखाएं खींच जाती हैं आड़ी, तिरछी… मनोबल, आत्म-विश्वास की… Read More »भास्करानन्द झा भास्कर की रचनाएँ
षड़यंत्र के खिलाफ सीरिया में उड़ा दिये गये छत स्कूलों के उड़ गए खिड़कियों- दरवाजों के परखच्चे पत्तों के माफिक पेशावर में गोलियों से भून… Read More »भास्कर चौधुरी की रचनाएँ
मन जीवन देह और मन का संघर्ष है बरसों से कि दोनों ही अकसर साथ नहीं होते देह जीती है अपने वर और श्राप कभी… Read More »भावना सक्सैना की रचनाएँ
’कुछ नहीं’ ‘कुछ नहीं’ ये दो शब्द नहीं किसी गहरी नदी के दो पाट हैं जिनके बीच बाँध रखा है हर औरत ने अनगिन पीड़ाओं,… Read More »भावना मिश्र की रचनाएँ