आनंद कुमार द्विवेदी की रचनाएँ
दो चार रोज ही तो मैं तेरे शहर का था दो चार रोज ही तो मैं तेरे शहर का था वरना तमाम उम्र तो मैं… Read More »आनंद कुमार द्विवेदी की रचनाएँ
दो चार रोज ही तो मैं तेरे शहर का था दो चार रोज ही तो मैं तेरे शहर का था वरना तमाम उम्र तो मैं… Read More »आनंद कुमार द्विवेदी की रचनाएँ
पते पर जो नहीं पहुँची उस चिट्ठी जैसा मन है पते पर जो नहीं पहुँची उस चिट्ठी जैसा मन है रिक्त अंजली सा मन है… Read More »आनंद कुमार ‘गौरव’ की रचनाएँ
इक ऐसा वक्त भी सहरा में आने वाला है इक ऐसा वक्त भी सहरा में आने वाला है कि रास्ता यहाँ दरिया बनाने वाला है… Read More »शहबाज़ ख्वाज़ा की रचनाएँ
उमस में मई की उमस में अपने छोटे से कमरे की खिड़की और दरवाजों को दिन भर मजबूती से बन्द रखा मैंने ताकि लू कि… Read More »अजित कुमार की रचनाएँ
तपा कर इल्म की भट्टी में बालातर बनता हूँ तपा कर इल्म की भट्टी में बालातर बनाता हूँ जो सीना चीर दें ज़ुल्मत का वो… Read More »आदिल रशीद की रचनाएँ
कल फूल के महकने की आवाज़ जब सुनी कल फूल के महकने की आवाज़ जब सुनी परबत का सीना चीर के नदी उछल पड़ी मुझ… Read More »आदिल मंसूरी की रचनाएँ
पश्चिमांचल धीरे धीरे सूर्य अब पश्चिमांचल की ओर बढ़ चला है उसने दिन का काम निपटा लिया है उसका माथा ठंडा है अब मुझे सूर्य… Read More »आदित्य शुक्ल की रचनाएँ
मेरी मोहब्बतें वो भुलाता कहां तलक मेरी मोहब्बतें वह भुलाता कहाँ तलक पत्थर का हर निशान मिटाता कहाँ तलक महबूब मुझसे चाहे वही पहली-सी हंसी… Read More »आदर्श गुलसिया की रचनाएँ
श्री गणपति की याद में – 1 कोई एक व्यक्ति है, जो समता सिद्धान्त का फैलाव करने के लिए करता ही चलता है- त्याग सब… Read More »आदर्श की रचनाएँ
सोलह कला सरिस पंच दस हैँ बरिस सोलह कला सरिस पंच दस हैँ बरिस , चौदहोँ भुवन भरी दीपति विशाला है । तेरहू के पति… Read More »आत्मा की रचनाएँ