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Hindi

आतीक़ अंज़र की रचनाएँ

गुज़िश्ता रात कोई चाँद घर में उतरा था  गुज़िश्ता रात कोई चाँद घर में उतरा था वो एक ख़्वाब था या बस नज़र का धोका… Read More »आतीक़ अंज़र की रचनाएँ

आजाद रामपुरी की रचनाएँ

सर्दी लगे गाँठने चड्ढी पढ़-लिखकर हो गई सयानी, लिखने लगी मगन हो चिट्ठी ! मौसम-टीचर ने वर्षा की, ऋतुशाला से कर दी छुट्टी ! मीठी किरणों की… Read More »आजाद रामपुरी की रचनाएँ

आज़ाद अंसारी की रचनाएँ

फुटकर शे’र तबीयत ही दर्द-आश्ना हो गई। दवा का न करना दवा हो गया॥ यूँ याद आओगे हमें इसला[1] खबर न थी। यूँ भूल जाओगे हमें… Read More »आज़ाद अंसारी की रचनाएँ

आचार्य सारथी रूमी की रचनाएँ

भले ही मैं तुझे मय कह चुका हूँ  भले ही मैं तुझे मय कह चुका हूँ, हक़ीक़त में तो मैं तेरा नशा हूँ! लकीरों में… Read More »आचार्य सारथी रूमी की रचनाएँ

आचार्य अज्ञात की रचनाएँ

गप्पू जी फिसले  आलू की पकौड़ी, दही के बड़े, मुन्नी की चुन्नी में तारे जड़े। मँूग की मँगौड़ी, कलमी बड़े, मंगू की छत पर दो… Read More »आचार्य अज्ञात की रचनाएँ

आग्नेय की रचनाएँ

आखेट तुम उस परिन्दे की तरह कब तक डैने फड़फड़ाओगे जिसकी गर्दन पर रखा हुआ है चाहत का चाकू उड़ान भरने से पहले ही तुमने… Read More »आग्नेय की रचनाएँ

आग़ा ‘शाएर’ क़ज़लबाश की रचनाएँ

बहार आई है फिर चमन में नसीम बहार आई है फिर चमन में नसीम इठला के चल रही है हर एक गुंचा चटक रहा है… Read More »आग़ा ‘शाएर’ क़ज़लबाश की रचनाएँ

आकांक्षा पारे की रचनाएँ

टुकड़ों में भलाई  हर जगह मचा है शोर ख़त्म हो गया है अच्छा आदमी रोज़ आती हैं ख़बरें अच्छे आदमी का साँचा बेच दिया है… Read More »आकांक्षा पारे की रचनाएँ