अहसान बिन ‘दानिश’ की रचनाएँ
कुत्ता और मज़दूर कुत्ता इक कोठी के दरवाज़े पे भूँका यक़बयक़ रूई की गद्दी थी जिसकी पुश्त से गरदन तलक रास्ते की सिम्त सीना बेख़तर… Read More »अहसान बिन ‘दानिश’ की रचनाएँ
कुत्ता और मज़दूर कुत्ता इक कोठी के दरवाज़े पे भूँका यक़बयक़ रूई की गद्दी थी जिसकी पुश्त से गरदन तलक रास्ते की सिम्त सीना बेख़तर… Read More »अहसान बिन ‘दानिश’ की रचनाएँ
इश्वा है नाज़ है ग़म्ज़ा है अदा है इश्वा है नाज़ है ग़म्ज़ा है अदा है क्या है क़हर है सेहर है जादू है बला… Read More »अहसनुल्लाह ख़ान ‘बयाँ’ की रचनाएँ
घर घर आपस में दुश्मनी भी है घर घर आपस में दुश्मनी भी है बस खचा-खच भी हुई भी है एक लम्हे के वास्ते ही… Read More »अहसन यूसुफ़ ज़ई की रचनाएँ
ऐ दिल न सुन अफ़साना किसी शोख़ हसीं का ऐ दिल न सुन अफ़साना किसी शोख़ हसीं का ना-आक़ेबत-अँदेश रहेगा न कहीं का दुनिया का… Read More »‘अहसन’ मारहरवी की रचनाएँ
कुछ शफ़क़ डूबते सूरज की बचा ली जाए कुछ शफ़क़ डूबते सूरज की बचा ली जाए रंग-ए-इम्काँ से कोई शक्ल बना ली जाए हर्फ़ मोहमल… Read More »अहमद शनास की रचनाएँ
आँखें बनाता दश्त की वुसअत को देखता आँखें बनाता दश्त की वुसअत को देखता हैरत बनाने वाले की हैरत को देखता होता न कोई कार-ए-ज़माना… Read More »अहमद रिज़वान की रचनाएँ
अब मंज़िल-ए-सदा से सफ़र कर अब मंज़िल-ए-सदा से सफ़र कर रहे हैं हम यानी दिल-ए-सुकूत में घर कर रहे हैं हम खोया है कुछ ज़रूर… Read More »अहमद मुश्ताक़ की रचनाएँ
अब इस मकाँ में नया कोई दर नहीं अब इस मकाँ में नया कोई दर नहीं करना ये काम सहल बहुत है मगर नहीं करना… Read More »अहमद महफूज़ की रचनाएँ
अच्छा था अगर ज़ख्म न भरते कोई दिन और अच्छा था अगर ज़ख्म न भरते कोई दिन और उस कू-ए-मलामत में गुजरते कोई दिन और… Read More »अहमद फ़राज़ की रचनाएँ
तुझे खोकर भी तुझे पाऊं जहां तक देखूं तुझे खोकर भी तुझे पाऊं जहाँ तक देखूँ हुस्न-ए-यज़्दां[1] से तुझे हुस्न-ए-बुतां[2] तक देखूं तूने यूं देखा है जैसे… Read More »अहमद नदीम क़ासमी की रचनाएँ