संजय तिवारी की रचनाएँ
कैसे लिखूँ तेरे आवन के गीत पतझड़ के गीत, सावन के गीत कैसे लिखूँ तेरे आवन के गीत। उपवन के गीत, अभिनव के गीत कैसे… Read More »संजय तिवारी की रचनाएँ
कैसे लिखूँ तेरे आवन के गीत पतझड़ के गीत, सावन के गीत कैसे लिखूँ तेरे आवन के गीत। उपवन के गीत, अभिनव के गीत कैसे… Read More »संजय तिवारी की रचनाएँ
ससुर जी उवाच डरते झिझकते सहमते सकुचाते हम अपने होने वाले ससुर जी के पास आए, बहुत कुछ कहना चाहते थे पर कुछ बोल ही… Read More »अशोक चक्रधर की रचनाएँ
मरने के बाद मेरी अस्थियाँ गंगा में विसर्जित कर देना और राख थोड़ी बिखरा देना हवाई जहाज़ से हिमालय की चोटियों पर और थोड़ी कन्याकुमारी… Read More »संजय चतुर्वेदी की रचनाएँ
हमारे पास एक दिन जब हमारे पास एक दिन जब केवल दुःखों की दुनिया बच जाएगी हम सोचेंगे अपने तमाम अच्छे-बुरे विशेषणों के साथ उनके… Read More »संजय कुमार सिंह की रचनाएँ
मुझे नीली स्याही लगी एक दवात छोड़कर जाने दो हत्यायों और हादसों के अभ्यस्त क़स्बे के बीचपुरातात्विक खुदाई मेंटेराकोटा ईंटों से बनाएक पुराना विहार झाँकने… Read More »संजय कुमार शांडिल्य की रचनाएँ
इक कहानी तुम्हें मैं सुनाता रहूँ इक कहानी तुम्हें मैं सुनाता रहूँ । प्यार की हर निशानी दिखाता रहूँ। मुस्कुराती रहो गीत बन तुम मेरा… Read More »संजय कुमार गिरि की रचनाएँ
सलवा जुडूम के दरवाज़े से (1) जंगल के बीच निर्वात तो नहीं था सघनता के मध्य समय दूर तक बिखरा था और उसी से सामना… Read More »संजय अलंग की रचनाएँ
सपने जिन चीटियों को पैरों तले दबा दिया था मैंने कभी अनजाने में वो अक्सर मुझे मेरे सपनों मे आकर काटतीं हैं उनके डंक पूरे… Read More »संगीता मनराल की रचनाएँ
लांघना मुश्किल है लांघना मुश्किल हैहमारे बीच पसरेसन्नाटे कोपर असंभव भी तो नहींकभी पुकार कर देखनाया फिरअपने मौन में हीसुन सकोतो सुननामेरी धड़कन जानती हूँतुम्हारी… Read More »संगीता गुप्ता की रचनाएँ
चित्रकार जब मैं एक वर्तुल बनाता हूँ तो उसकी कोई ठोस दीवारें नहीं होतीं सब कुछ वायवीय होता है जिसके भीतर तरल उमड़ रहे होते… Read More »अशोक कुमार की रचनाएँ