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Hindi

शशिप्रकाश की रचनाएँ

युद्धबन्दियों का गीत हम समय के युद्धबन्दी हैं युद्ध तो लेकिन अभी हारे नहीं हैं हम । लालिमा है क्षीण पूरब की पर सुबह के… Read More »शशिप्रकाश की रचनाएँ

शशि सहगल की रचनाएँ

गान्धारी-1 मैं नहीं जानती कि मैं तुम्हें कितना चाहती हूं कसमें खाने की उम्र नहीं है मेरी न ही तुम्हारी फिर भी तुम्हें किसी मुसीबत… Read More »शशि सहगल की रचनाएँ

त्रिनेत्र जोशी की रचनाएँ

गर्मियाँ गुमसुम से इस मौसम में जब नहीं आती हवाएँ सूखे होंठों वाली पत्तियाँ बार-बार चोंचें खोलती चिड़ियाएँ हरियाली पर लगी फफूँद कोई भी नहीं… Read More »त्रिनेत्र जोशी की रचनाएँ

त्रिजुगी कौशिक की रचनाएँ

मुनगे का पेड़  घर की बाड़ी में मुनगे क एक पेड़ है वह गाहे-बगाहे की साग प्रसूता के लिए तो पकवान है मकान बनाने के… Read More »त्रिजुगी कौशिक की रचनाएँ

शशि पुरवार की रचनाएँ

अंतर्मन अंतर्मन एक ऐसा बंद घर जिसके अन्दर रहती है संघर्ष करती हुई जिजीविषा, कुछ ना कर पाने की कसक घुटन भरी साँसे कसमसाते विचार… Read More »शशि पुरवार की रचनाएँ

ज्ञानेन्द्र मोहन ‘ज्ञान’ की रचनाएँ

शेष दिल ही जानता है आप सबके पूछने पर, कह दिया आनंद में हूँ, शेष दिल ही जानता है। क्या कहें कितनी विषम हैं, नित्य-प्रति… Read More »ज्ञानेन्द्र मोहन ‘ज्ञान’ की रचनाएँ

ज्ञानेन्द्रपति की रचनाएँ

ट्राम में एक याद चेतना पारीक कैसी हो? पहले जैसी हो? कुछ-कुछ ख़ुुश कुछ-कुछ उदास कभी देखती तारे कभी देखती घास चेतना पारीक, कैसी दिखती… Read More »ज्ञानेन्द्रपति की रचनाएँ

ज्ञान प्रकाश सिंह की रचनाएँ

तुषार कणिका नव प्रभात का हुआ आगमन है उपवन अंचल स्तंभित पुष्प लताओं के झुरमुट में छिपकर बैठी हरित पत्र पर बूँद ओस की ज्योतित… Read More »ज्ञान प्रकाश सिंह की रचनाएँ

ज्ञान प्रकाश विवेक की रचनाएँ

अभी तो आँच में‍ पककर ज़रा तैयार होने हैं  अभी तो आँच में‍ पककर ज़रा तैयार होने हैं अभी हम गीली मिट्टी के बहुत कच्चे… Read More »ज्ञान प्रकाश विवेक की रचनाएँ