तलअत इरफ़ानी की रचनाएँ
टूटे सितारे चाँद में बैठी हुयी बुढ़िया का चरखा चल रहा है, धागा धागा रौशनी, जिन रास्तों से, आस्मां को जा रही हिं , यह… Read More »तलअत इरफ़ानी की रचनाएँ
टूटे सितारे चाँद में बैठी हुयी बुढ़िया का चरखा चल रहा है, धागा धागा रौशनी, जिन रास्तों से, आस्मां को जा रही हिं , यह… Read More »तलअत इरफ़ानी की रचनाएँ
क्षितिज की रेखा (1) इस जगह से जो क्षितिज दिखता है, वह सीधी रेखा वाला क्षितिज नहीं है, उस क्षितिज की रेखा ऊंची-नीची हो गई… Read More »तरुण भटनागर की रचनाएँ
तन्हाई के फ़न में कामयाब अपनी अज़ली आरज़ू के मुताबिक़ मैं बिल्कुल आज़ाद हो चुकी हूँ हर ख़्वाहिश से लालच से ख़ौफ़ से ग़म से… Read More »तनवीर अंजुम की रचनाएँ
केहू कइसे बिचारे कटी जिन्दगी केहू कइसे बिचारे कटी जिन्दगी, का गजल के सहारे कटी जिन्दगी। जिन्दगी, जिन्दगी, जिन्दगी, जिन्दगी, रटते-रटते उधारे, कटी जिन्दगी। भीख… Read More »तंग इनायतपुरी की रचनाएँ
भीड़ या मॉब लिंचिंग हत्यारों ने ढूंढ लिया है हत्या का नया तरीका जिसमें साँप भी मरता है और लाठी भी नहीं टूटती वे साजिशों… Read More »ज्योति रीता की रचनाएँ
समझदारों की दुनिया में माँएँ मूर्ख होती हैं मेरा भाई और कभी-कभी मेरी बहनें भी बड़ी सरलता से कह देते हैं मेरी माँ को मूर्ख… Read More »ज्योति चावला की रचनाएँ
गाँधी के इस देश में गाँधी के इस देश में सुबह-सुबह पढ़ते ही समाचार शर्म से झुक जाते हैं सिर अन्धे, गूँगे, बहरे चौराहों पर… Read More »ज्योति खरे की रचनाएँ
सी SS याटौ सीSSयाटो थावा मांड्यौ है अणा छाना मना पड़िया हळफ ना वन वगड़ा मईं बदलाव आब्बा मांड्यौ है एक एक हळफ नीं बनावट… Read More »ज्योतिपुंज की रचनाएँ
दोहे झूले, गीत, बहार सब, आम,नीम की छाँव। हमसे सपनों में मिला, वो पहले का गाँव॥ सूरज की पहली किरन, पनघट उठता बोल। छेड़ें बतियाँ… Read More »ज्योत्स्ना शर्मा की रचनाएँ
औरतें अजीब होतीं हैं औरतें अजीब होंती हैं औरतें अजीब होती हैं लोग सच कहते हैं, औरतें अजीब होती हैं रात भर सोती नहीं पूरा,… Read More »ज्योत्स्ना मिश्रा की रचनाएँ