ज़फ़ीर-उल-हसन बिलक़ीस की रचनाएँ
बदन पे ज़ख़्म सजाए लहू लबादा किया बदन पे ज़ख़्म सजाए लहू लबादा किया हर एक संग से यूँ हम ने इस्तिफ़ादा किया है यूँ… Read More »ज़फ़ीर-उल-हसन बिलक़ीस की रचनाएँ
बदन पे ज़ख़्म सजाए लहू लबादा किया बदन पे ज़ख़्म सजाए लहू लबादा किया हर एक संग से यूँ हम ने इस्तिफ़ादा किया है यूँ… Read More »ज़फ़ीर-उल-हसन बिलक़ीस की रचनाएँ
अपने दिल-ए-मुज़्तर को बेताब ही रहने दो अपने दिल-ए-मुज़्तर को बेताब ही रहने दो चलते रहो मंज़िल को नायाब ही रहने दो तोहफ़े में अनोखा… Read More »ज़फ़र हमीदी की रचनाएँ
अक्स ज़ख़्मों का जबीं पर नहीं आने देता अक्स ज़ख़्मों का जबीं पर नहीं आने देता मैं ख़राश अपने यक़ीं पर नहीं आने देता इसलिए… Read More »ज़फ़र सहबाई की रचनाएँ
आँगन-आँगन जारी धूप आँगन-आँगन जारी धूप मेरे घर भी आरी धूप क्या जाने क्यूँ जलती है सदियों से बिचारी धूप किस के घर तू ठहरेगी… Read More »ज़फ़र ताबिश की रचनाएँ
अब के साल पूनम में, जब तू आएगी मिलने अब के साल पूनम में, जब तू आएगी मिलने हम ने सोच रखा है रात यूँ… Read More »ज़फ़र गोरखपुरी की रचनाएँ
आ के जब ख़्वाब तुम्हारे ने कहा बिस्मिल्लाह आ के जब ख़्वाब तुम्हारे ने कहा बिस्मिल्लाह दिल मुसाफ़िर थके हारे ने कहा बिस्मिल्लाह हिज्र की… Read More »ज़फ़र अज्मी की रचनाएँ
ज़हर-ए-ग़म दिल में समोने भी नहीं देता है ज़हर-ए-ग़म दिल में समोने भी नहीं देता है कर्ब-ए-एहसास को खोने भी नहीं देता है दिल की… Read More »ज़फर अनवर की रचनाएँ
बे-मकाँ मेरे ख़्वाब होने लगे बे-मकाँ मेरे ख़्वाब होने लगे रत-जगे भी अज़ाब होने लगे हुस्न की महफ़िलों का वज़्न बढ़ा जब से हम बार-याब… Read More »ज़क़ी तारिक़ की रचनाएँ
जीरादेई में चमके सितारा जीरादेई में चमके सितारा बनके राजेन्द्र भारत दुलारा। जीरादेई में चमके सितारा॥ दीनता, दासता-पाश में थी, छटपटाती रही भारत माता। तोड़ने… Read More »जनार्दन राय की रचनाएँ
पप्पी करे शिकायत पापा के घर में घुसते ही बोल उठी पप्पी- पापा-पापा, आज हमें मम्मी ने मारा था। हम तो खेल रहे थे अपनी… Read More »जहीर कुरैशी