महावीर सरवर की रचनाएँ
गुम हुआ शहर गुम हुआ शहर हूं मैं लौटा दो मुझे ढूंढ़कर। मुझी को लौटा दो किसी तरह। चले गए हैं वे लोग। जो हर… Read More »महावीर सरवर की रचनाएँ
गुम हुआ शहर गुम हुआ शहर हूं मैं लौटा दो मुझे ढूंढ़कर। मुझी को लौटा दो किसी तरह। चले गए हैं वे लोग। जो हर… Read More »महावीर सरवर की रचनाएँ
ज़िन्दगी में प्यार का वादा निभाया ही कहाँ है ज़िन्दगी में प्यार का वादा निभाया ही कहाँ है नाम लेकर प्यार से मुझ को बुलाया… Read More »महावीर शर्मा की रचनाएँ
साबरमती का संत देखी निज भारत की भारी दयनीय दशा, मर्म पे अचानक अचूक लगा नेज़ा था। प्यारी मातृभूमि को निहारा परतंत्र जब, दारूण व्यथा… Read More »महावीर प्रसाद ‘मधुप’की रचनाएँ
कोकिल कोकिल अति सुंदर चिड़िया है, सच कहते हैं, अति बढ़िया है। जिस रंगत के कुँवर कन्हाई, उसने भी वह रंगत पाई। बौरों की सुगंध… Read More »महावीर प्रसाद द्विवेदी की रचनाएँ
पाँव पाँव थककर भी चलना नहीं छोड़ते जब तक वे गंतव्य तक न पहुँच जाएँ… थक जाने पर कुछ देर राह में विश्राम कर पुन:… Read More »महावीर उत्तरांचली की रचनाएँ
अधूरी आज़ादी… आज़ादी है अभी अधूरी पाए न जनता रोटी पूरी तंत्र लोक से दूर हुआ है अवमूल्यन भरपूर हुआ है आज देश टुकड़ों में… Read More »महाराज सिंह परिहार की रचनाएँ
तेग़े-हिन्दी तेग़े-हिन्दी[1] साफ़ करती सफ़े-दुश्मन [2]तू जिधर चलती है हाथ बाँधे तेरे साये में ज़फ़र [3]चलती है * * तुझ में वोह आब है शेरों का जिगर… Read More »महाराज बहादुर `बर्क़’की रचनाएँ
व्यथा अभी भी ज़िन्दा है मेरे भीतर गुरिल्ला छापामार बेहतर दुनिया के लिए लड़ने को तैयार पर एक कायर से उसकी दोस्ती है जो उसे… Read More »महाराज कृष्ण सन्तोषी की रचनाएँ
अलि! मैं कण-कण को जान चली अलि, मैं कण-कण को जान चली सबका क्रन्दन पहचान चली जो दृग में हीरक-जल भरते जो चितवन इन्द्रधनुष करते… Read More »महादेवी वर्मा की रचनाएँ
किरंतन मैं तो बिगडया विस्वथें बिछुडया, बाबा मेरे ढिग आओ मत कोई। बेर-बेर बरजत हों रे बाबा, ना तो हम ज्यों बिगडेगा सोई॥ मैं लाज… Read More »महामति की रचनाएँ