मणि मोहन की रचनाएँ
एक चलती हुई बस में मैं एक चलती हुई बस में सवार हूँ जो दौड़ रही है देश की राजधानी की सड़कों पर शायद ये… Read More »मणि मोहन की रचनाएँ
एक चलती हुई बस में मैं एक चलती हुई बस में सवार हूँ जो दौड़ रही है देश की राजधानी की सड़कों पर शायद ये… Read More »मणि मोहन की रचनाएँ
और अब ये कहता हूँ ये जुर्म तो रवा रखता और अब ये कहता हूँ ये जुर्म तो रवा रखता मैं उम्र अपने लिए… Read More »मजीद ‘अमज़द’ की रचनाएँ
तस्कीन-ए-दिल-ए-महज़ूँ न हुई तस्कीन-ए-दिल-ए-महज़ूँ न हुई, वो सई-ए-करम फ़रमा भी गए। इस सई-ए-करम को क्या कहिए, बहला भी गए तड़पा भी गए।। हम अर्ज़-ए-वफ़ा… Read More »मजाज़ लखनवी की रचनाएँ
चली अब गुल के हाथों से लुटा कर कारवाँ अपना चली अब गुल के हाथों से लुटा कर कारवाँ अपना न छोड़ा हाए बुलबुल… Read More »‘मज़हर’ मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ की रचनाएँ
अपने खोए हुए लम्हात को पाया था कभी अपने खोए हुए लम्हात को पाया था कभी मैं ने कुछ वक़्त तिरे साथ गुज़ारा था कभी… Read More »मज़हर इमाम की रचनाएँ
मुझे सहल हो गईं मंज़िलें मुझे सहल हो गईं मंजिलें वो हवा के रुख भी बदल गये । तिरा हाथ हाथ में आ गया कि… Read More »मजरूह सुल्तानपुरी की रचनाएँ
पाबंद-ए-एहतियात-ए-वफ़ा भी न हो सके पाबंद-ए-एहतियात-ए-वफ़ा भी न हो सके हम क़ैद-ए-ज़ब्त-ए-ग़म से रिहा भी न हो सके दार-ओ-मदार-ए-इश्क़ वफ़ा पर है हम-नशीं वो… Read More »‘मख़मूर’ जालंधरी की रचनाएँ
आप की याद आती रही रात भर आप की याद आती रही रात भर चश्मे नम मुस्कुराती रही रात भर । रात भर दर्द… Read More »मख़दूम मोहिउद्दीन की रचनाएँ
अम्मा का तेरवां ग्राम भोज कराना होगा, गौ दान देना होगा, अम्मा का तेरवां धूम-धाम से करना होगा, वरना अम्मा शांति न पायेगी भटकती फिरेगी… Read More »मंजूषा मन की रचनाएँ
बदन को ज़ख़्म करें ख़ाक को लबादा करें बदन को ज़ख़्म करें ख़ाक को लबादा करें जुनूँ की भूली हुई रस्म का इआदा करें… Read More »मंजूर ‘हाशमी’ की रचनाएँ