कुमार विश्वास की रचनाएँ
कोई दीवाना कहता है (कविता) कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है ! मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !! मैं तुझसे दूर… Read More »कुमार विश्वास की रचनाएँ
कोई दीवाना कहता है (कविता) कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है ! मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !! मैं तुझसे दूर… Read More »कुमार विश्वास की रचनाएँ
वांछित क्रान्ति तुम उस स्थान से जो समतल से थोड़ा ऊपर है और जहाँ तुम्हारा स्थित होना एक संयोग मात्र है करना चाहते हो निर्णायक… Read More »कुमार विमलेन्दु सिंह की रचनाएँ
कभी लिखता नहीं दरिया, फ़क़त कहता ज़बानी है कभी लिखता नहीं दरिया, फ़क़त कहता ज़बानी है कि दूजा नाम जीवन का रवानी है, रवानी है… Read More »कुमार विनोद की रचनाएँ
एक अकेला अंगूठा एक अकेले अंगूठे ने वसीयत कर दी सारी अंगूठियां उंगलियों के नाम रोका, गालों पे लुढ़कते हुए आंसू की असंख्य बूंदों को… Read More »कुमार विजय गुप्त की रचनाएँ
आओ पहल करें (ज्ञानरंजन को सम्बोधित) जब से तुम्हारी दाढ़ी में सफ़ेद बाल आने लगे हैं तुम्हारे दोस्त कुछ ऎसे संकेत पाने लगे हैं कि… Read More »कुमार विकल की रचनाएँ
इतिहास के पन्ने पुनः पलटते हुए मैं धम्म से कुर्सी से गिर पड़ा ज़मीन पर लेटे-लेटे लगा सोचने कि यह व्यक्ति जो मेरे सामने है… Read More »कुमार विक्रम की रचनाएँ
मुमकिन है जिन्दगी की उदास ख़ास शामों में ग़र मैं सोचूं कि हो रही होगी तुम भी उदास तो मुमकिन है कि ग़ैर वाजिब हो… Read More »कुमार राहुल की रचनाएँ
कुछ सुख बचे हैं यह क्या, भन्ते ! बोधिवृक्ष को खोज रहे तुम महानगर में यों यह सच है बोधिवृक्ष की चर्चा थी कल सभागार में… Read More »कुमार रवींद्र की रचनाएँ
हम तुम प्रिय चाँद बनो तुम रजनी के, मैं फूल बनी मुस्काऊँगी।तुम रूप अनेक धरे हँसना,मैं प्रीत गंध बिखराऊँगी॥तुम बाँह धरे हो प्रिय जबसे, उर… Read More »श्वेता राय की रचनाएँ
अच्छी कविता अच्छी कविता अच्छा आदमी लिखता है अच्छा आदमी कथित ऊंची जात में पैदा होता है ऊंची जात का आदमी ऊंचा सोचता है हिमालय… Read More »श्यौराज सिंह बेचैन की रचनाएँ