शीतल बाजपेयी की रचनाएँ
समय उड़ रहा पंख लगाकर समय उड़ रहा पंख लगाकर, दो पल तो जी लें, मुस्का लें। जीवन की आपा-धापी से आओ थोड़ा चैन चुरा… Read More »शीतल बाजपेयी की रचनाएँ
समय उड़ रहा पंख लगाकर समय उड़ रहा पंख लगाकर, दो पल तो जी लें, मुस्का लें। जीवन की आपा-धापी से आओ थोड़ा चैन चुरा… Read More »शीतल बाजपेयी की रचनाएँ
हमने क़ुदरत की हर इक शै से मोहब्बत की है हमने क़ुदरत की हर इक शै से मोहब्बत की है । और नफ़रत की हर… Read More »ओम प्रकाश नदीम की रचनाएँ
इधर भी गधे हैं, उधर भी गधे हैं इधर भी गधे हैं, उधर भी गधे हैं जिधर देखता हूं, गधे ही गधे हैं गधे हँस… Read More »ओम प्रकाश ‘आदित्य’ की रचनाएँ
सपनों की उधेड़बुन एक-एक कर उधड़ गए वे सारे सपने जिन्हें बुना था अपने ही ख़यालों में मान कर अपने ! सपनों के लिए चाहिए थी… Read More »ओम पुरोहित ‘कागद’ की रचनाएँ
ठहरो साथी आगे है भीषण अंधकार ठहरो साथी, कर लो थोड़ा मन में विचार ठहरो साथी! दासता-निशा का भोर कहो किसने देखा? जंगल में नाचा… Read More »ओम नीरव की रचनाएँ
उन दिनों का ऋण उन दिनों का ऋण चुकाना बहुत मुश्किल है। मित्रता को तोल पाना बहुत मुश्किल है। एक लघु आकाश था, रमने-विचरने के… Read More »ओम निश्चल की रचनाएँ
हलौळ अस्यां तो कस्यां हो सकै छै कै थनै क्है दी अर म्हनै मान ली सांच कै कोई न्हं अब ई कराड़ सूं ऊं कराड़… Read More »ओम नागर की रचनाएँ
नेता और अफसर नेता डरा दिखे अफसर से, अफसर नेता से दोनों अपने फन में माहिर, हैं अभिनेता से। सच में डर है नहीं किसी… Read More »ओम धीरज की रचनाएँ
बातों की रातें आँगन में बैठी दो चिड़ियाँ करती थीं आपस में बातें, आओ हिल-मिलकर हम दोनों आज काट दें काली रातें। तभी अचानक नील… Read More »ओंकारेश्वर दयाल ‘नीरद’ की रचनाएँ
मेरे बाद आ बदलेगा रंग शाम-ए-आलम मेरे बाद आ होगा ज़रा सा दर्द भी कम मेरे बाद आ तन्हाइयाँ भी अपनी हैं अपनी हैं साअतें… Read More »ऐन रशीद की रचनाएँ