शिवकुमार ‘बिलगरामी’ की रचनाएँ
कौन चितेरा चँचल मन से कौन चितेरा चँचल मन से अन्तर मन में झाँक रहा है । कौन हमारे मन की ताक़त अपने मन से… Read More »शिवकुमार ‘बिलगरामी’ की रचनाएँ
कौन चितेरा चँचल मन से कौन चितेरा चँचल मन से अन्तर मन में झाँक रहा है । कौन हमारे मन की ताक़त अपने मन से… Read More »शिवकुमार ‘बिलगरामी’ की रचनाएँ
दीमकों के नाम हैं वंसीवटों की डालियाँ दीमकों के नाम हैं वंसीवटों की डालियाँ, नागफनियों की क़नीजें हैं यहाँ शेफालियाँ। छोड़कर सर के दुपट्टे को… Read More »शिव ओम अम्बर की रचनाएँ
कँटक ते अटकि अटकि सब आपुहीँ ते कँटक ते अटकि अटकि सब आपुहीँ ते , फटिगे बसन तिन्हैँ नीके कै बनाय ले । बेनी के… Read More »शिव की रचनाएँ
पतंगों का मौसम मौसम आज पतंगों का है नभ में राज पतंगों का है, इंद्रधनुष के रंगों का है मौसम नई उमंगों का है। किनले… Read More »शिव मृदुल की रचनाएँ
हम दोनों की पीर एक है हम दोनों की पीर एक है, निचले तबके वाली। हाथ पसारो तो यह दुनिया, एक रुपइया देती। एक रुपइया… Read More »शिवम खेरवार की रचनाएँ
जुगनू जमाती कैधौं बाती बार खाती जुगनू जमाती कैधौं बाती बार खाती ,प्राण ढूंढ़त फिरत घाती मदन अराती है ।झिल्ली झननाती भननाती है बिरह ,भेरी… Read More »शिव नाथ की रचनाएँ
प्यारे पापा खुशियों के फव्वारे हैं जी, पापा मेरे प्यारे हैं। करते तो हैं मुझसे प्यार रोज़ न पर लाते उपहार, रखें छोटी-छोटी मूँछ बातें… Read More »शिव गौड़ की रचनाएँ
लोक परंपराएं लोक परंपराएँ पैठ जाती हैं गहरे तक समाज में चली आती हुई परंपरा और रीति रिवाज नहीं मिटते आसानी से लोक में जीवित… Read More »शिव कुशवाहा की रचनाएँ
स्याह स्याह समय के गाल पर है तिल की तरह नहीं दाग़ की तरह ग़लत दिमाग़ों के उजाले में है राह में है उसे ढाँकता… Read More »शिरीष कुमार मौर्य की रचनाएँ
बैठे हों जब वो पास बैठे हों जब वो पास, ख़ुदा ख़ैर करे फिर भी हो दिल उदास, ख़ुदा ख़ैर करे। मैं दुश्मनों से बच… Read More »उदयभानु ‘हंस’ की रचनाएँ