ज्योति चावला की रचनाएँ
समझदारों की दुनिया में माँएँ मूर्ख होती हैं मेरा भाई और कभी-कभी मेरी बहनें भी बड़ी सरलता से कह देते हैं मेरी माँ को मूर्ख… Read More »ज्योति चावला की रचनाएँ
समझदारों की दुनिया में माँएँ मूर्ख होती हैं मेरा भाई और कभी-कभी मेरी बहनें भी बड़ी सरलता से कह देते हैं मेरी माँ को मूर्ख… Read More »ज्योति चावला की रचनाएँ
गाँधी के इस देश में गाँधी के इस देश में सुबह-सुबह पढ़ते ही समाचार शर्म से झुक जाते हैं सिर अन्धे, गूँगे, बहरे चौराहों पर… Read More »ज्योति खरे की रचनाएँ
सी SS याटौ सीSSयाटो थावा मांड्यौ है अणा छाना मना पड़िया हळफ ना वन वगड़ा मईं बदलाव आब्बा मांड्यौ है एक एक हळफ नीं बनावट… Read More »ज्योतिपुंज की रचनाएँ
दोहे झूले, गीत, बहार सब, आम,नीम की छाँव। हमसे सपनों में मिला, वो पहले का गाँव॥ सूरज की पहली किरन, पनघट उठता बोल। छेड़ें बतियाँ… Read More »ज्योत्स्ना शर्मा की रचनाएँ
औरतें अजीब होतीं हैं औरतें अजीब होंती हैं औरतें अजीब होती हैं लोग सच कहते हैं, औरतें अजीब होती हैं रात भर सोती नहीं पूरा,… Read More »ज्योत्स्ना मिश्रा की रचनाएँ
तू अगर सैर को निकले तो उजाला हो जाए तू अगर सैर को निकले तो उजाला हो जाए । सुरमई शाल का डाले हुए माथे… Read More »जोश मलीहाबादी की रचनाएँ
आग है आग तिरी तेग़-ए-अदा का पानी आग है आग तिरी तेग़-ए-अदा का पानी ऐसे पानी को मैं हरगिज़ न कहूँगा पानी न रहे आँख… Read More »जोश मलसियानी की रचनाएँ
अंत्येष्टि से पूर्व हे देव मुझे बिजलियाँ, अँधेरे और साँप डरा देते हैं मुझे घने जंगल की नागरिकता दो मेरे डर को मित्रता करनी होगी… Read More »जोशना बनर्जी आडवानी की रचनाएँ
मन मरन समय जब आवेगा मन मरन समय जब आवेगा। धन सम्पत्ति अरु महल सराएँ, छूटि सबै तब जावेगा ।। ज्ञान मान विद्या गुन माया,… Read More »जॉन क्रिश्चियन की रचनाएँ
उसके पहलू से लग के चलते हैं उसके पहलू से लग के चलते हैं हम कहीं टालने से टलते हैं मै उसी तरह तो बहलता… Read More »जॉन एलिया