जे० स्वामीनाथन की रचनाएँ
गाँव का झल्ला Script हम मानुस की कोई जात नहीं महाराज जैसे कौवा कौवा होता है, सुग्गा, सुग्गा और ये छितरी पूँछ वाले अबाबील, अबाबील… Read More »जे० स्वामीनाथन की रचनाएँ
गाँव का झल्ला Script हम मानुस की कोई जात नहीं महाराज जैसे कौवा कौवा होता है, सुग्गा, सुग्गा और ये छितरी पूँछ वाले अबाबील, अबाबील… Read More »जे० स्वामीनाथन की रचनाएँ
माँ पर हाइकु 1. तौल सके जो नहीं कोई तराजू माँ की ममता ! 2. समझ आई जब खुद ने पाई माँ की वेदना ! 3. माँ… Read More »जेन्नी शबनम की रचनाएँ
बिछड़ते दामनों में फूल की कुछ पत्तियाँ रख दो बिछड़ते दामनों में फूल की कुछ पत्तियाँ रख दो तअल्लुक़ की गिराँबारी में थोड़ी नर्मियाँ रख… Read More »जुबैर रिज़वी की रचनाएँ
मन तुम मलिनता तजि देहु मन तुम मलिनता तजि देहु। सरन गहु गोविंद की अब करत कासो नेहु॥ कौन अपने आप काके परे माया सेहु।… Read More »जुगलप्रिया की रचनाएँ
आषाढ़ तो आया आषाढ़ तो आया घास नहीं हो उठी झरबेरी हरी हरी। हथेलियाँ पसार दीं शूलों पर वार दीं टुकड़े हो टूट पड़ा आसमान… Read More »जीवन शुक्ल की रचनाएँ
मैं शिकार हूँ किसी और का मुझे मारता कोई और है मैं शिकार हूँ किसी और का मुझे मारता कोई और है मुझे जिस ने… Read More »जियाउल हक़ क़ासमी की रचनाएँ
मानुष राग धन्यवाद पिता कि आपने चलना सिखाया अक्षरों शब्दों और चेहरों को पढ़ना सिखाया धन्यवाद पिता कि आपने मेंड़ पर बैठना ही नहीं खेत… Read More »जितेन्द्र श्रीवास्तव की रचनाएँ
बेटे की विदाई अम्मा ने आटे के नौ-दस, लड्डू बाँध दिये; बोलीं- ‘रस्ते में खा लेना, लम्बी दूरी है।’ ठोस प्रेम का तरल रूप, आँखों… Read More »जितेन्द्र ‘जौहर’की रचनाएँ
दिव्य सौन्दर्य की स्वामिनी शोभने! दिव्य सौन्दर्य की स्वामिनी शोभने! श्याम कुन्तल सजा एक लीला कमल। लाज की लालिमा से ढँके ये अधर चन्द्रमा-कर अमृतकुण्ड-से… Read More »जितेन्द्रकुमार सिंह ‘संजय’की रचनाएँ
अगर न ज़ोहरा जबीनों के दरमियाँ गुज़रे Script अगर न ज़ोहरा जबीनों के दरमियाँ गुज़रे तो फिर ये कैसे कटे ज़िन्दगी कहाँ गुज़रे जो तेरे… Read More »जिगर मुरादाबादी की रचनाएँ