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मल्लिका मुखर्जी की रचनाएँ

माँ धूप कड़ी सहकर भी माँ तुम, कभी न हारी यौवन में, धरम तुम्हारा खूब निभाया, तुमने अपने जीवन में ! सहम रही ममता पलकों में,… Read More »मल्लिका मुखर्जी की रचनाएँ

मलूकदास की रचनाएँ

हरि समान दाता कोउ नाहीं हरि समान दाता कोउ नाहीं। सदा बिराजैं संतनमाहीं॥१॥ नाम बिसंभर बिस्व जिआवैं। साँझ बिहान रिजिक पहुँचावैं॥२॥ देइ अनेकन मुखपर ऐने।… Read More »मलूकदास की रचनाएँ

मलिकज़ादा ‘मंजूर’की रचनाएँ

अब ख़ून को मय क़ल्ब को पैमाना कहा जाए अब ख़ून को मय क़ल्ब को पैमाना कहा जाए इस दौर में मक़तल को भी मय-ख़ाना… Read More »मलिकज़ादा ‘मंजूर’की रचनाएँ

मलिक मोहम्मद जायसी

स्तुति-खंड   सुमिरौं आदि एक करतारू । जेहि जिउ दीन्ह कीन्ह संसारू ॥ कीन्हेसि प्रथम जोति परकासू । कीन्हेसि तेहि पिरीत कैलासू ॥ कीन्हेसि अगिनि,… Read More »मलिक मोहम्मद जायसी

मलय की रचनाएँ

कैसे छोड़ दूँ यह दुनिया मैं इतनी जल्दी कैसे छोड़ दूँ यह दुनिया! अभी सूखती नदियों की तरह उदास खड़ी हैं बहनें भाई फटे गमछे… Read More »मलय की रचनाएँ

मलखान सिंह की रचनाएँ

सफ़ेद हाथी गाँव के दक्खिन में पोखर की पार से सटा, यह डोम पाड़ा है – जो दूर से देखने में ठेठ मेंढ़क लगता है… Read More »मलखान सिंह की रचनाएँ

मरदान अली खान ‘राना’ की रचनाएँ

गयी जो तिफ़्ली तो फिर आलम-ए-शबाब आया गयी जो तिफ़्ली[1] तो फिर आलम-ए-शबाब[2] आया गया शबाब तो अब मौसम-ए-ख़िज़ाब आया मैं शौक़-ए-वस्ल[3] में क्या रेल पर शिताब[4] आया कि… Read More »मरदान अली खान ‘राना’ की रचनाएँ

मयंक अवस्थी की रचनाएँ

तारों से और बात में कमतर नहीं हूँ मैं तारों से और बात में कमतर नहीं हूँ मैं जुगनू हूँ इसलिये कि फ़लकपर नहीं हूँ… Read More »मयंक अवस्थी की रचनाएँ

‘ममनून’ निज़ामुद्दीन की रचनाएँ

झुकी निगह में है ढब पुर्सिश-ए-निहानी का ‎ झुकी निगह में है ढब पुर्सिश-ए-निहानी का हया में ज़ोर दिया रंग मेहर-बानी का जिए हैं गर्म… Read More »‘ममनून’ निज़ामुद्दीन की रचनाएँ