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Authorwise

मधुप मोहता की रचनाएँ

जब से अखबार पुरानी खबर सा लगता है जब से अखबार पुरानी खबर सा लगता है दिल नए दोस्त बनाने से भी डरता है जब… Read More »मधुप मोहता की रचनाएँ

मधुप कुमार की रचनाएँ

नृत्य के बाद आधी रात का जलवा समर्पित हो रहा है उसकी साधना को इन्द्रजाल जैसे उसके वितानों ने साध ली है परिचय की दूरियाँ… Read More »मधुप कुमार की रचनाएँ

मधुछन्दा चक्रवर्ती की रचनाएँ

रिश्तें रिश्तों के कई रंग होते हैं, कुछ नाम के, कुछ बेनाम। पर सबको पड़ता है निभाना क्योंकि यही दुनिया का दस्तूर है। और कुछ… Read More »मधुछन्दा चक्रवर्ती की रचनाएँ

मधुकर अस्थाना की रचनाएँ

नाम बदला है रावण वही नाम बदला है लिखा-पढ़ा अगला-पिछला है गली, मुहल्‍लों, सड़कों पर आते-जाते वह मिल जाता है उसके सम्‍मुख राम-लखन का अधर… Read More »मधुकर अस्थाना की रचनाएँ

मधु संधु की रचनाएँ

मेरी उम्र सिर्फ उतनी है मेरी उम्र सिर्फ़ उतनी है जितनी तुम्हारे साथ बिताई थी तब जब तुम आज़ाद थे शहज़ादा सलीम थे मजनूँ फ़रहाद… Read More »मधु संधु की रचनाएँ

मधु शर्मा की रचनाएँ

समय के छोर तकइस दुख को छलकाए बगै़र जाना चाहती थी मैं समय के छोर तक पर वह कहीं था ही नहीं और मैं छलक… Read More »मधु शर्मा की रचनाएँ

मधु भारतीय की रचनाएँ

कैसी मुश्किल आई कैसी मुश्किल आई! हँसता हूँ तो बाबा कहते, ‘मत बंदर से दाँत दिखाओ।’ चुप रहने पर दादी कहती, ‘राजा बेटा हो, मुस्काओ!’… Read More »मधु भारतीय की रचनाएँ

मधु प्रधान की रचनाएँ

मौलश्री छाँव में प्रीति की पांखुरी छू गई बाँसुरी गीत झरने लगे स्वप्न तिरने लगे साँस में बस गया गाँव एक गन्ध का देके सौरभ… Read More »मधु प्रधान की रचनाएँ

मधु आचार्य ‘आशावादी’ की रचनाएँ

अकाल है मनुष्यों में मनुष्यता का रिस्तों में विश्वास का शब्दों में संवेदना का राज्य में राम का नेता में काम का सच कहता हूं-… Read More »मधु आचार्य ‘आशावादी’ की रचनाएँ

मदनलाल मधु की रचनाएँ

  अपनी धरती स्वर्ग बना लोगे जितनी भी जल्दी तुम मिलकर अपने क़दम बढ़ा लोगे उतनी ही जल्दी तुम अपनी धरती स्वर्ग बना लोगे ।… Read More »मदनलाल मधु की रचनाएँ