रामवचन सिंह ‘आनंद’ की रचनाएँ
पास हुए हम हुर्रे-हुर्रे पास हुए हम, हुर्रे-हुर्रे! दूर हुए गम, हुर्रे-हुर्रे! रोज नियम से, किया परिश्रम और खपाया भेजा। धीरे-धीरे, थोड़ा-थोड़ा हर दिन ज्ञान… Read More »रामवचन सिंह ‘आनंद’ की रचनाएँ
पास हुए हम हुर्रे-हुर्रे पास हुए हम, हुर्रे-हुर्रे! दूर हुए गम, हुर्रे-हुर्रे! रोज नियम से, किया परिश्रम और खपाया भेजा। धीरे-धीरे, थोड़ा-थोड़ा हर दिन ज्ञान… Read More »रामवचन सिंह ‘आनंद’ की रचनाएँ
ज़िन्दगी अपमान की भरी सभा में, एक सवर्ण ने दूसरे सवर्ण से क्रोध में आकर गाली देते हुए कहा— ‘चमार कहीं का’ दूसरे सवर्ण ने… Read More »रामलखन पाल की रचनाएँ
साध मिटाने दो! साध मिटाने दो! आँसू की तरल तरंगों में आहों के कण बह जाने दो। उस क्षुब्ध अश्रु की धारा में उच्छ्वास-तरणि लहराने… Read More »रामराजश्वरी देवी ‘नलिनी’ की रचनाएँ
समय रहते समय रहते दबा दो मिट्टी में गहरे उन सड़ी-गली परम्पराओं को बदबू फैलाने से पहले किसी लाश की तरह क्योंकि फिर नहीं झुठला… Read More »रामभरत पासी की रचनाएँ
उनका तो ये मज़ाक रहा हर किसी के साथ उनका तो ये मज़ाक रहा हर किसी के साथ खेले नहीं वो सिर्फ़ मिरी ज़िंदगी के… Read More »रामप्रसाद शर्मा “महर्षि”की रचनाएँ
हर तरफ़ जाले थे, बिल थे हर तरफ़ जाले थे, बिल थे, घोंसले छ्प्पर में थे जाने कितने घर मेरे उस एक कच्चे घर में… Read More »रामप्रकाश ‘बेखुद’ लखनवी की रचनाएँ
महँगाई पप्पू ने दीदी से पूछा क्या होती महँगाई? सभी इसी की चर्चा करते चली कहाँ से आई? सभी किताबें देखीं मैंने कहीं न मीनिंग… Read More »रामनिरंजन शर्मा ‘ठिमाऊ’की रचनाएँ
हम न बोलेंगे, कमल के पात बोलेंगे हम न बोलेंगे, कमल के पात बोलेंगे। कीच का क्या रंग, क्या है उत्स कादो का जेठ की… Read More »रामनरेश पाठक की रचनाएँ
चतुर चित्रकार चित्रकार सुनसान जगह में, बना रहा था चित्र, इतने ही में वहाँ आ गया, यम राजा का मित्र। उसे देखकर चित्रकार के तुरत… Read More »रामनरेश त्रिपाठी की रचनाएँ
मंगल-आह्वान मंगल-आह्वान भावों के आवेग प्रबल मचा रहे उर में हलचल। कहते, उर के बाँध तोड़ स्वर-स्त्रोत्तों में बह-बह अनजान, तृण, तरु, लता, अनिल, जल-थल… Read More »रामधारी सिंह “दिनकर”