रामदेव सिंह ‘कलाधर’की रचनाएँ
बोल तोता, बोल हरे रंग का एक-एक ‘पर’, लाल चोंच है कितनी सुंदर, लाल फूल की माला दी है- किसने तुझे अमोल? बोल तोता!बोल। कौन… Read More »रामदेव सिंह ‘कलाधर’की रचनाएँ
बोल तोता, बोल हरे रंग का एक-एक ‘पर’, लाल चोंच है कितनी सुंदर, लाल फूल की माला दी है- किसने तुझे अमोल? बोल तोता!बोल। कौन… Read More »रामदेव सिंह ‘कलाधर’की रचनाएँ
जवानी पैंचा नै लेबै लिखलाका मेटाय देवै, अपना लिलार के ठूठ पाखड़ के किरिया, पकबा इनार के बरगबिहीन मजुरबा के राज हो बनैबै शोषण… Read More »रामदेव भावुक की रचनाएँ
कैसा जन्म दिवस जन्म दिवस पर पापा मेरे लाए खूब मिठाई, मम्मी-पापा, मैंने खाई जम कर खूब मिठाई! पर दादी की थाली से जब- गायब… Read More »रामदुलारा सिंह ‘पराया’की रचनाएँ
तुम और मैंः दो आयाम (एक) बहुत दिनों के बाद हम उसी नदी के तट से गुज़रे जहाँ नहाते हुए नदी के साथ हो लेते… Read More »रामदरश मिश्र की रचनाएँ
चोथतीँ चकोरैँ चँहु औरैँ जानि चँदमुखी चोथतीँ चकोरैँ चँहु औरैँ जानि चँदमुखी , रही बचि डरन दसन दुति दँपा के । लीलि जाते बर ही… Read More »रामजी की रचनाएँ
आलू जहां मैं जाता हूं वहीं देखता हूं तुम्हें और मुझे अच्छे भी लगते हो तुम उबले हुए भुने हुए और तले हुए भूरे-भूरे लेकिन… Read More »रामजी यादव की रचनाएँ
क्या भूलूँ, क्या याद करूँ पता नहीं क्यों बार-बार यह, इम्तहान यों आ जाता है, सुख से मुसकाते फूलों पर, दुःख का बादल छा जाता… Read More »रामजी मिश्र की रचनाएँ
चल मेरे घोड़े चल मेरे घोड़ टम्मक-टम! चल मेरे घोड़े ठम्मक-टम!! चीता रोके तो लड़ जाना, हाथी टोके तो चढ़ जाना, गफलत मत कर बढ़… Read More »रामजन्मसिंह शिरीष की रचनाएँ
दोहा / भाग 1 शृंगार सुषमा छत्र लगाये धनरिधर, बिहँसि बजावत वेनु। बसौ हिये हरि हित-सहित, ग्वाल ग्वालिनि धेनु।।1।। उर लगियत, परियत पगन, हौं ही… Read More »रामचरित उपाध्याय की रचनाएँ
नागों की फिरे जमात भगवान आपकी दुनियां में अंधेर दिखाई दे गुन्डे बेईमानों का हथफेर दिखायी दे। घूमते-फिरते डाकू-चोर, नाश कर देंगे रिश्वतखोर जगह-जगह अबलाओं… Read More »रामचरन गुप्त की रचनाएँ