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रामदेव भावुक

रामदेव भावुक की रचनाएँ

  जवानी पैंचा नै लेबै लिखलाका मेटाय देवै, अपना लिलार के ठूठ पाखड़ के किरिया, पकबा इनार के बरगबिहीन मजुरबा के राज हो बनैबै शोषण… Read More »रामदेव भावुक की रचनाएँ