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राम सनेहीलाल शर्मा ‘यायावर’ की रचनाएँ

दिल में गुलशन दिल में गुलशन आंख में सपना सुहाना रख। आस्मां की डालियों पर आशियाना रख।। हर कदम पर एक मुश्किल ज़िंदगी का नाम।… Read More »राम सनेहीलाल शर्मा ‘यायावर’ की रचनाएँ

राम विलास शर्मा की रचनाएँ

चांदनी चांदी की झीनी चादर सी फैली है वन पर चांदनी चांदी का झूठा पानी है यह माह पूस की चांदनी खेतों पर ओस-भरा कुहरा… Read More »राम विलास शर्मा की रचनाएँ

राम लखारा ‘विपुल’ की रचनाएँ

गीत न गाते क्या करते पलकों के तट बंध तोड़ जब दरिया बहने वाला था। ऐसी हालत में बतलाओं गीत न गाते, क्या करते? सपनों… Read More »राम लखारा ‘विपुल’ की रचनाएँ

राम रियाज़ की रचनाएँ

अब के इस तरह तिरे शहर में खोए जाएँ अब के इस तरह तिरे शहर में खोए जाएँ लोग मालूम करें हम खड़े रोए जाएँ… Read More »राम रियाज़ की रचनाएँ

राम मेश्राम की रचनाएँ

  मैं महान हूँ, तू महान है मैं महान हूँ, तू महान है नूरा-कुश्ती[1] का बयान है अपने मुँह से कौन कहेगा किस में कितना बियाबान… Read More »राम मेश्राम की रचनाएँ

राम प्रसाद बिस्मिल की रचनाएँ

कुछ अश‍आर इलाही ख़ैर वो हरदम नई बेदाद करते हैँ हमेँ तोहमत लगाते हैँ जो हम फरियाद करते हैँ ये कह कहकर बसर की उम्र… Read More »राम प्रसाद बिस्मिल की रचनाएँ

राम नारायण मीणा “हलधर”

  उम्मीदों की एक नदी आँखों में रेगिस्तान हुई उम्मीदों की एक नदी आँखों में रेगिस्तान हुई चमकीली सड़कों से मिलकर पगडंडी सुनसान हुई मुस्कानों… Read More »राम नारायण मीणा “हलधर”

राम नाथ बेख़बर की रचनाएँ

जद्दोजहद में ज़िंदगी अपनी गुजार के जद्दोजहद में ज़िंदगी अपनी गुजार के हारा नहीं हूँ आज भी हर जंग हार के। कहने लगी है बाग़… Read More »राम नाथ बेख़बर की रचनाएँ

रामगोपाल ‘रुद्र’की रचनाएँ

रुद्र स्तवन हर हर मृडेश हे प्रलयंकर! मदघूर्ण-निशामणि नर-कपाल प्रज्वलित-नेत्र खप्पर-विशाल तुम पुलक-पुलक धृत-मुंडमाल उद्धत विराट ताण्डव-तत्पर। तुम शुभ्र-वदन उज्ज्वल-निकेत, गणपति-हिमाद्रि-तनुजा-समेत, पार्षद-परेश! बहु भूत-प्रेत ले,… Read More »रामगोपाल ‘रुद्र’की रचनाएँ

राम गोपाल भारतीय की रचनाएँ

किसी की आँख में आँसू सजाकर किसी की आँख में आँसू सजाकर बहुत पछताओगे यूँ मुस्कुराकर तुम उसके पाँव के छाले तो देखो कहीं वो… Read More »राम गोपाल भारतीय की रचनाएँ