लीलाधर जगूड़ी की रचनाएँ
आँधी रात वह हवा चली जिसे आँधी कहते हैं उसने कुछ दरवाजे भड़भड़ाए कुछ खिड़कियाँ झकझोरीं, कुछ पेड़ गिराए कुछ जानवरों और पक्षियों को आकुल-व्याकुल… Read More »लीलाधर जगूड़ी की रचनाएँ
आँधी रात वह हवा चली जिसे आँधी कहते हैं उसने कुछ दरवाजे भड़भड़ाए कुछ खिड़कियाँ झकझोरीं, कुछ पेड़ गिराए कुछ जानवरों और पक्षियों को आकुल-व्याकुल… Read More »लीलाधर जगूड़ी की रचनाएँ
तुम्हारे प्रेम में गणित था–1 वह जो प्रेम था शतरंज की बिसात की तरह बिछा हुआ हमारे बीच तुमने चले दाँव-पेच और मैंने बस ये… Read More »लीना मल्होत्रा की रचनाएँ
पकी पकी फ़सल पकी पकी फसल लहराए ओढ़े पीली सरसों की चुनरिया तेरे खेत में मक्का-बाजरा, मेरे, गेहूँ की बालियाँ गाँव-गाँव घूम रही टोलियाँ, होलिका-दहन… Read More »लावण्या शाह की रचनाएँ
देशभक्त दिन दहाड़े जिसकी हत्या हुई जिसने हत्या की। जिसका नाम इतिहास की पुस्तक में है जिसका हटाया गया जिसने बंदूक के सामने सीना ताना… Read More »हरजिन्दर सिंह लाल्टू की रचनाएँ
देखो, हर ओर उल्लास है 1 पत्ता पत्ते से फूल फूल से क्या कह रहा है मैं तुम्हारी और तुम मेरी आँखों में क्या देख… Read More »हरजिन्दर सिंह लाल्टूकी रचनाएँ
हमारे माँ-बाप / समझदार किसिम के लोग चाहते हो मायूस होना ? क्यों चाहते हो ? किसलिए चाहते हो ? किसके लिए चाहते हो !! कितने आज मायूस हैं… Read More »लालित्य ललित की रचनाएँ
सज्जन कितना बदल गया है दहकन का अहसास कराता, चंदन कितना बदल गया है मेरा चेहरा मुझे डराता, दरपन कितना बदल गया है । आँखों… Read More »लाला जगदलपुरी की रचनाएँ
मोची की व्यथा फटे जूते सी ज़िन्दगी सीने के लिए चमड़ा काटता है वह किसी की जेब या गला नहीं पॉलिश करने से पहले दो… Read More »लालचन्द राही की रचनाएँ
ख़ुश्क़ धरती की दरारों ने किया याद अगर ख़ुश्क़ धरती की दरारों ने किया याद अगर उनकी आशाओं का बादल हूँ बरस जाऊँगा कौन समझेगा… Read More »लाल चंद प्रार्थी ‘चाँद’ कुल्लुवी की रचनाएँ
छाये नभमंडल मैं, सलज सघन घन छाये नभमंडल मैं, सलज सघन घन, कारे पीरे श्वेत रंग, धारतै रहत हैं। ‘लाल’ जू कहत, त्यौंही चहकि चुरैल… Read More »लाल कवि की रचनाएँ