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सरोजिनी प्रीतम की रचनाएँ

गुड़िया के गहने गुड़िया के घर आए चोर! गुड़िया मचा सकी ना शोर कुत्ते ने पूछा-भौं-भौं गुड़िया रानी, तू चुप क्यों? कौए ने पूछा-काँ-काँ तेरे… Read More »सरोजिनी प्रीतम की रचनाएँ

सरोजिनी कुलश्रेष्ठ की रचनाएँ

भूकंप माँ! धरती क्यों डोल रही थी, ‘घुर-घुर’ कर क्यों बोल रही थी? इसके ऊपर हम रहते हैं, कूद-फाँद करते रहते हैं। तब सह लेती… Read More »सरोजिनी कुलश्रेष्ठ की रचनाएँ

सरोजिनी अग्रवाल की रचनाएँ

मेरे मामा मेरे मामा बड़े निराले, थोड़े गोरे थोड़े काले। मुझको कहते गड़बड़झाला पर खुद पूरे गरम मसाला, जाने कितने तोते पाले! मेरे मामा बड़े… Read More »सरोजिनी अग्रवाल की रचनाएँ

सरोज सिंह की रचनाएँ

गृहस्थी की काँवर परिणय मंडप में धरे गए दो कलशों में बराबर, भरे गए मधुर संबंधों के सभी तत्व प्रेम, मैत्री, स्नेह और विश्वास और… Read More »सरोज सिंह की रचनाएँ

सरोज परमार की रचनाएँ

टूटे पंखों वाली चिड़िया अलसुबह जब तुम नर्म घास घास पर हल्के-से पाँव रखते हो तुम्हारे पिछवाड़े की गली में नगर पालिका के नल पर… Read More »सरोज परमार की रचनाएँ

सरिता स्निग्ध ज्योत्स्ना की रचनाएँ

चीटियाँ वे जब तक संतुष्ट रहीं मरे पड़े कीड़े-मकोड़े खाकर हम इठलाते रहे अपनी बुद्धि पर धीरे – धीरे उनकी नज़रें ललचाईं वे बढ़ने लगीं… Read More »सरिता स्निग्ध ज्योत्स्ना की रचनाएँ

सरिता शर्मा की रचनाएँ

चुलबुली गुड़िया  खिल-खिल हँसे चुलबुली गुड़िया, गुड़िया है आफत की पुड़िया! दिन भर नाचे, मुझे नचाए, तुतलाए जब गाना गाए। झालर वाला धानी लहँगा, सिर… Read More »सरिता शर्मा की रचनाएँ

सरिता तिवारी की रचनाएँ

आदिवासी / प्रमोद धिताल इस मिट्टी में गिरा हुआ आदिम बीज हूँ मैं इसी में उगा हुआ पौधा हुँ यहीं की हवा में साँस लेकर… Read More »सरिता तिवारी की रचनाएँ

सरहपा की रचनाएँ

राहुल सांकृत्यायन द्वारा अनूदित वज्रगीतियाँ जिमि पवन-घाते अचल जल जिमि पवन-घाते अचल जल, चलै तरंगित होइ । जिमि मूढ़ विलोम नेत्र को, एकै द्वीप दो… Read More »सरहपा की रचनाएँ

सरस्वती माथुर की रचनाएँ

नव स्वर देने को आओ, इस नववर्ष पर खोलें वातायन परिचय के और निस्तरंग जीवन में हवा के बिखरे पन्नों को समेट कर खोजें पाँव… Read More »सरस्वती माथुर की रचनाएँ