अहमद रिज़वान की रचनाएँ
आँखें बनाता दश्त की वुसअत को देखता आँखें बनाता दश्त की वुसअत को देखता हैरत बनाने वाले की हैरत को देखता होता न कोई कार-ए-ज़माना… Read More »अहमद रिज़वान की रचनाएँ
आँखें बनाता दश्त की वुसअत को देखता आँखें बनाता दश्त की वुसअत को देखता हैरत बनाने वाले की हैरत को देखता होता न कोई कार-ए-ज़माना… Read More »अहमद रिज़वान की रचनाएँ
अब मंज़िल-ए-सदा से सफ़र कर अब मंज़िल-ए-सदा से सफ़र कर रहे हैं हम यानी दिल-ए-सुकूत में घर कर रहे हैं हम खोया है कुछ ज़रूर… Read More »अहमद मुश्ताक़ की रचनाएँ
अब इस मकाँ में नया कोई दर नहीं अब इस मकाँ में नया कोई दर नहीं करना ये काम सहल बहुत है मगर नहीं करना… Read More »अहमद महफूज़ की रचनाएँ
अच्छा था अगर ज़ख्म न भरते कोई दिन और अच्छा था अगर ज़ख्म न भरते कोई दिन और उस कू-ए-मलामत में गुजरते कोई दिन और… Read More »अहमद फ़राज़ की रचनाएँ
तुझे खोकर भी तुझे पाऊं जहां तक देखूं तुझे खोकर भी तुझे पाऊं जहाँ तक देखूँ हुस्न-ए-यज़्दां[1] से तुझे हुस्न-ए-बुतां[2] तक देखूं तूने यूं देखा है जैसे… Read More »अहमद नदीम क़ासमी की रचनाएँ
आँसू की तरह दीदा-ए-पुर-आब आँसू की तरह दीदा-ए-पुर-आब में रहना हर गाम मुझे ख़ाना-ए-सैलाब में रहना वो अब्रू-ए-ख़म-दार नज़र आए तो समझे आँखों की तरह… Read More »अहमद ‘जावेद’ की रचनाएँ
ये गर्म रात ये सेहरा निभा के चलना है ये गर्म रेत ये सहरा[1] निभा के चलना है सफ़र तवील[2] है पानी बचा के चलना है बस… Read More »अहमद कमाल ‘परवाज़ी’ की रचनाएँ
सता लें हमको, दिलचस्पी जो है उनकी सताने में सता लें हमको, दिलचस्पी जो है उनकी सताने में हमारा क्या वो हो जाएँगे रुस्वा ख़ुद… Read More »अहमद अली ‘बर्क़ी’ आज़मी की रचनाएँ
अब सोचिये तो दाम-ए-तमन्ना में आ गए अब सोचिये तो दाम-ए-तमन्ना में आ गए दीवार ओ दर को छोड़ के सहरा में आ गए तस्वीर… Read More »अहमद अज़ीम की रचनाएँ
छुपम-छुपैया ताक-धिना-धिन मारे मैया जाड़े में, चट कर भागी दूध बिलैया जाड़े में! सिकुड़ी बैठी सोन चिरैया जाड़े में, काँप रहे हैं बंदर भैया जाड़े… Read More »अहद प्रकाश की रचनाएँ