‘हफ़ीज़’ बनारसी की रचनाएँ
दिल की आवाज़ में आवाज़ मिलाते रहिए दिल की आवाज़ में आवाज़ मिलाते रहिए जागते रहिए ज़माने को जगाते रहिए दौलत-ए-इश्क़ नहीं बाँध के रखने… Read More »‘हफ़ीज़’ बनारसी की रचनाएँ
दिल की आवाज़ में आवाज़ मिलाते रहिए दिल की आवाज़ में आवाज़ मिलाते रहिए जागते रहिए ज़माने को जगाते रहिए दौलत-ए-इश्क़ नहीं बाँध के रखने… Read More »‘हफ़ीज़’ बनारसी की रचनाएँ
तुम मुझे छोड़ के मत जाओ मेरे पास रहो तुम मुझे छोड़ के मत जाओ मेरे पास रहो, दिल दुखे जिससे अब ऐसी न कोई… Read More »शबीना अदीब ग़ज़लें/गीत
क्यों रह रह कर याद मुझे आया करते हो? नीरवता के सांध्य शिविर में आकुलता के गहन रूप में उर में बस जाया करते हो… Read More »हिमांशु पाण्डेय की रचनाएँ
है कोई दर्द मुसलसल रवाँ-दवाँ मुझ में है कोई दर्द मुसलसल रवाँ-दवाँ मुझ में बना लिया है उदासी ने इक मकाँ मुझ में मिला है… Read More »शबाना यूसफ़ ग़ज़लें
दूसरा दर्ज़ा दोपहर का वक़्त था वह पर ठीक दोपहर जैसा नहीं, नदी जैसी कोई चीज़ भागती हुई खिड़की से बाहर सूख रही थी पुलों… Read More »हेमन्त शेष की रचनाएँ
आईन-ए-वफा इतना भी सादा नहीं होता आईन-ए-वफा इतना भी सादा नहीं होता हर बार मसर्रत का इआदा नहीं होता ये कैसी सदाकत है कि पर्दो… Read More »शबनम शकील की रचनाएँ
एक ख़त जो किसी ने लिखा भी नहीं एक ख़त जो किसी ने लिखा भी नहीं उम्र भर आँसुओं ने उसे ही पढ़ा । गंध… Read More »शतदल की रचनाएँ
चाहत दिवस मास बीतते रहे रंग और गुलाल के लिए चाहत थी सुबह दोपहर कभी रंगभरा ! क्षण हमें मिले चट्टानों बीच किसी सन्धि में कोई… Read More »शचीन्द्र भटनागर की रचनाएँ
आकर गिरा था कोई परिंदा लहू में तर आकर गिरा था कोई परिंदा लहू में तर । तस्वीर अपनी छोड़ गया है चट्टान पर ।… Read More »शकेब जलाली की रचनाएँ
सफ़र हो शाह का या क़ाफ़िला फ़क़ीरों का सफ़र हो शाह का या क़ाफ़िला फ़क़ीरों का शजर मिज़ाज समझते हैं राहगीरों का किसी दरख़्त से… Read More »अतुल अजनबी की रचनाएँ