साधना सिन्हा की रचनाएँ
ज़रूरत यह प्यार नहीं है ज़रूरतें हैं तुम्हारी मेरी बच्चों की जो, बांधे रखती हैं तुमको–मुझको बच्चों को एक बंधन जो कहलाता है अटूट जाता… Read More »साधना सिन्हा की रचनाएँ
ज़रूरत यह प्यार नहीं है ज़रूरतें हैं तुम्हारी मेरी बच्चों की जो, बांधे रखती हैं तुमको–मुझको बच्चों को एक बंधन जो कहलाता है अटूट जाता… Read More »साधना सिन्हा की रचनाएँ
एक चुनौती देष की नारी सावधान हो । नई चुनौती आयी ह,ै नये नियमों के ताल मेल में एक बुझी मसाल लायी है । आरक्षण… Read More »साधना जोशी की रचनाएँ
दुनिया से कुफ्रे – आम मिटाया हुज़ूर ने दुनिया से कुफ्रे – आम मिटाया हुज़ूर ने इन्सानियत का दर्स सिखाया हुज़ूर ने इन्सानी ज़िन्दगी पे… Read More »सादिक़ रिज़वी की रचनाएँ
इक सवाल खुदा-ए-बरतर से हम इस ज़मीन ओ आसमाँ के दरमियाँ हैरान हैं और सर-गराँ ऐ ख़ुदा-ए-दो जहाँ ! ऐ हर्फ़-ए-कुन के राज़-दाँ ! ऐ मम्बा-ए-कौन-ओ-मकाँ ! इतना… Read More »साजीदा ज़ैदी की रचनाएँ
अज़्मत-ए-ज़िन्दगी को बेच दिया अज़्मत-ए-ज़िन्दगी को बेच दिया हम ने अपनी ख़ुशी को बेच दिया चश्म-ए-साक़ी के इक इशारे पे उम्र की तिश्नगि को बेच… Read More »साग़र सिद्दीक़ी की रचनाएँ
महात्मा गांधी कैसा संत हमारा गांधी कैसा संत हमारा! दुनिया गो थी दुश्मन उसकी दुश्मन था जग सारा । आख़िर में जब देखा साधो वह… Read More »साग़र निज़ामी की रचनाएँ
प्रिय आत्मन धम-धमाधम, धम-धमाधम, धम-धमाधम लो आ गया एक और नया वर्ष ढोल बजाता, रक्त बहाता हिंसक भेड़ियों के साथ ये वे ही भेड़िए हैं… Read More »विष्णु प्रभाकर की रचनाएँ
चिड़िया चिड़िया मैं फिर कहता हूँ कि चिड़िया अपने घोंसले से बड़ी है घोंसले से बड़ी चिड़िया का अपना कोई मोह नहीं होता वह दूसरों… Read More »विष्णु नागर की रचनाएँ
वापस सफेद मूँछें सिर पर उतने ही सफेद छोटे-छोटे बाल बूढ़े दुबले झुर्रीदार बदन पर मैली धोती और बनियान चेहरा बिल्कुल वैसा जैसा अस्सी प्रतिशत… Read More »विष्णु खरे की रचनाएँ
बंदर का दरबार बंदर राजा पान चबाए बैठे हैं दरबार लगाए। नीला सूट, बूट है काला, सर पर पहने हैट निराला, रेशम का रूमाल हाथ… Read More »विष्णु खन्ना की रचनाएँ