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रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ की रचनाएँ

इहवइ धरतिया हमार महतरिया  अमवा इमिलिया महुवआ की छइयाँ जेठ बैसखवा बिरमइ दुपहरिया धान कइ कटोरा मोरी अवध कइ जमिनिया धरती अगोरइ मोरी बरख बदरिया… Read More »रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ की रचनाएँ

रमापति शुक्ल की रचनाएँ

बाबा जी की छींक घर-घर को चौंकाने वाली, बाबा जी की छींक निराली! लगता यहीं कहीं बम फूटा, या कि तोप से गोला छूटा! या… Read More »रमापति शुक्ल की रचनाएँ

रमानाथ अवस्थी की रचनाएँ

करूँ क्या  सुर सब बेसुरे हुए करूँ क्या ? उतरे हुए सभी के मुखड़े सबके पाँव लक्ष्य से उखड़े उखड़ी हुई भ्रष्ट पीढ़ी से विजय-वरण के… Read More »रमानाथ अवस्थी की रचनाएँ

रमा द्विवेदी की रचनाएँ

हर सांस बंदी है यहाँ कैसे करें उल्लास जब हर सांस बन्दी है यहाँ ? कैसे रचे इतिहास जब आकाश बन्दी है यहाँ? अंकुर अभी पनपा… Read More »रमा द्विवेदी की रचनाएँ

रमा तिवारी की रचनाएँ

दावत चिड़िया चावल लेकर आई, बिल्ली लाई दूध-मलाई। चीनी लाए चूहे राजा, और गिलहरी मेवे ताजा। तोता लेकर आा दोने, खीर पकाई खरगोशों ने। सारे… Read More »रमा तिवारी की रचनाएँ

रमणिका गुप्ता की रचनाएँ

स्पार्टाकस मैं अगर तुम्हें कहूँ कि ब्राह्मणत्व और मनुवाद का चक्रव्यूह तोड़ने के लिए तुम बनो अभिमन्यु— तो ग़लत होगा वह तो दो अभिजातों की… Read More »रमणिका गुप्ता की रचनाएँ

रमण कुमार सिंह की रचनाएँ

तथाकथित सफल लोगों के बारे में चंद पंक्तियाँ तथाकथि त सफल लोगों को बचपन से ही पता होता है कि उन्हें सफल होना है उन्हें… Read More »रमण कुमार सिंह की रचनाएँ

रमई काका की रचनाएँ

धरती हमारि! धरती हमारि! धरती हमारि ! धरती हमारि ! है धरती परती गउवन कै औ ख्यातन कै धरती हमारि | धरती हमारि ! धरती हमारि ! हम अपनी… Read More »रमई काका की रचनाएँ

रफ़ीक़ संदेलवी की रचनाएँ

अजब इक साया-ए-लाहूत में तहलील होगी अजब इक साया-ए-लाहूत में तहलील होगी फ़ुसूल-ए-हश्र से हैअत मिरी तब्दील होगी किए जाएँगे मेरे जिस्म में नूरी इज़ाफ़े… Read More »रफ़ीक़ संदेलवी की रचनाएँ

रफ़ी रज़ा की रचनाएँ

आँख सहमी हुई डरती हुई देखी गई है आँख सहमी हुई डरती हुई देखी गई है अमन की फ़ाख़्ता मरती हुई देखी गई है क्या… Read More »रफ़ी रज़ा की रचनाएँ