संतोष आनन्द की रचनाएँ
ओ मेघा रे, मेघा रे ओ मेघा रे, मेघा रे ओ मेघा रे, मेघा रे मत परदेस जा रे आज तू प्रेम का संदेश बरसा… Read More »संतोष आनन्द की रचनाएँ
ओ मेघा रे, मेघा रे ओ मेघा रे, मेघा रे ओ मेघा रे, मेघा रे मत परदेस जा रे आज तू प्रेम का संदेश बरसा… Read More »संतोष आनन्द की रचनाएँ
उम्र बस बढ़ती गयी पर जीना क्यों कम हो गया उम्र बस बढ़ती गयी पर जीना क्यों कम हो गया यार हैं कुछ कम नहीं,… Read More »उदय कामत की रचनाएँ
आठ जून दो हज़ार नौ रंगमंच के, श्लाका पुरुष हबीब तनवीर ! छियासी वर्ष का वह योद्धा भारत के रंगमंच की आत्मा में उत्फुल्ल जिजीविषा से… Read More »उत्तिमा केशरी की रचनाएँ
लहर थाह लेती है लहर-बहर एक लहर लहर सागर की । सागर अथाह अथाह जलराशि ‘लहर ठहर ज़रा,’ पुकार-पुकार हारेंगे लहर कभी रूकती है क्या !… Read More »उत्तमराव क्षीरसागर की रचनाएँ
कविता से बाहर एक दिन अचानक हम चले जाएँगे तुम्हारी इच्छा और घृणा से भी दूर किसी अनजाने देश में और शायद तुम जानना भी… Read More »उत्पल बैनर्जी की रचनाएँ
इस तरह जीने का सामान जुटाता क्यूँ है इस तरह जीने का सामान जुटाता क्यूँ है। ख़र्च करना ही नहीं है तो कमाता क्यूँ है।… Read More »उत्कर्ष अग्निहोत्री की रचनाएँ
धरती के अनाम योद्धा इतना तो तय है कि सब कुछ के बावजूद हम जिएँगे जंगली घास बनकर पनपेंगे / खिलेंगे जंगली फूलों-सा हर कहीं… Read More »उज्जवला ज्योति तिग्गा की रचनाएँ
दिल का हर ज़ख़्म मोहब्बत का निशाँ हो जैसे दिल का हर ज़ख़्म मोहब्बत का निशाँ हो जैसे देखने वालों को फूलों का गुमाँ हो… Read More »उनवान’ चिश्ती की रचनाएँ
कैकेयी रनिवास में मैं गोटी खेलती थी सुमित्रा के साथ. कौशल्या को फ़ुर्सत ही कहाँ, वह तो पटरानी थी, पता नहीं उसे क्या-क्या करना पड़ता… Read More »उज्ज्वल भट्टाचार्य की रचनाएँ
आशा पतझड़ की सूनी शाखों को नित है हरियाली की आशा, फिर से मानवता लौटेगी जोह रहा पथ “पथिक” उदासा| आजादी की आशा लेकर वीरों… Read More »ईशान पथिक की रचनाएँ