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Poetry

बसंत त्रिपाठी की रचनाएँ

मैं बनारस कभी नहीं गया हिन्दी का ठेठ कवि अपने जनेऊ या जनेऊनुमा सँस्कार पर हाथ फेरता हुआ चौंकता है मेरी स्वीकारोक्ति पर अय्..बनारस नहीं… Read More »बसंत त्रिपाठी की रचनाएँ

बशीर बद्र की रचनाएँ

अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जायेगाद अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जायेगा मगर तुम्हारी तरह कौन मुझे चाहेगा तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से… Read More »बशीर बद्र की रचनाएँ

बशीर फ़ारूक़ी की रचनाएँ

अब के जुनूँ में लज़्ज़त-ए-आज़ार भी नहीं अब के जुनूँ में लज़्ज़त-ए-आज़ार भी नहीं ज़ख़्म-ए-जिगर में सुर्ख़ी-ए-रूख़सार भी नहीं हम तेरे पास आ के परेशान… Read More »बशीर फ़ारूक़ी की रचनाएँ

बशर नवाज़ की रचनाएँ

अज़ल ता अबद उफ़ुक़-ता-उफ़ुक़ ये धुँदलके का आलम ये हद-ए-नज़र तक नम-आलूद सी रेत का नर्म क़ालीं कि जिस पर समुंदर की चंचल जवाँ बेटियों… Read More »बशर नवाज़ की रचनाएँ

बल्ली सिंह चीमा ‘की रचनाएँ

हिलाओ पूँछ तो करता है प्यार अमरीका हिलाओ पूँछ तो करता है प्यार अमरीका । झुकाओ सिर को तो देगा उधार अमरीका । बड़ी हसीन… Read More »बल्ली सिंह चीमा ‘की रचनाएँ

बलराम ‘गुमाश्ता’की रचनाएँ

एक झील का टुकड़ा बिना वजह यूँ ही लड़ बैठे लटका बैठे मुखड़ा, दुख में कविता लिखने बैठे- एक झील का टुकड़ा। झील का टुकड़ा… Read More »बलराम ‘गुमाश्ता’की रचनाएँ

बलबीर सिंह ‘रंग’की रचनाएँ

ज़माना आ गया ‎ ज़माना आ गया रुसवाइयों तक तुम नहीं आए । जवानी आ गई तनहाइयों तक तुम नहीं आए ।। धरा पर थम… Read More »बलबीर सिंह ‘रंग’की रचनाएँ

बलदेव वंशी की रचनाएँ

लड़की का इतिहास हर बाग़ का एक इतिहास होता है जैसे- इस बाग़ का भी अपना एक इतिहास है हर व्यक्ति का एक इतिहास होता… Read More »बलदेव वंशी की रचनाएँ

बलजीत सिंह मुन्तज़िर की रचनाएँ

ज़िन्दगानी के भी कैसे-कैसे मंज़र हो गए ज़िन्दगानी के भी कैसे-कैसे मंज़र[1] हो गए । बे-सरोसामाँ[2] तो थे ही, अब तो बेघर हो गए । तुमसे मिलने… Read More »बलजीत सिंह मुन्तज़िर की रचनाएँ