भीष्मसिंह चौहान की रचनाएँ
हुआ सवेरा बीती रात, प्रात मुसकाया बोलीं चिड़ियाँ-चूँ-चूँ! प्यारा कुत्ता करता फिरता पूँछ हिलाकर-कूँ-कूँ! देने लगीं सुनाई, सड़कों पर- मोटर की पों-पों! जोर-जोर से लगे… Read More »भीष्मसिंह चौहान की रचनाएँ
हुआ सवेरा बीती रात, प्रात मुसकाया बोलीं चिड़ियाँ-चूँ-चूँ! प्यारा कुत्ता करता फिरता पूँछ हिलाकर-कूँ-कूँ! देने लगीं सुनाई, सड़कों पर- मोटर की पों-पों! जोर-जोर से लगे… Read More »भीष्मसिंह चौहान की रचनाएँ
नाद स्वाद तन बाद तज्यो मृग है मन मोहत नाद स्वाद तन बाद तज्यो मृग है मन मोहत। परयो जाल जल मीन लीन रसना रस… Read More »भीषनजी की रचनाएँ
शब्द संधान मुस्कान की महक हो जाती जब बहुत दूर, तब चेहरों पर, दुश्चिन्ताओं, तनावों की रेखाएं खींच जाती हैं आड़ी, तिरछी… मनोबल, आत्म-विश्वास की… Read More »भास्करानन्द झा भास्कर की रचनाएँ
षड़यंत्र के खिलाफ सीरिया में उड़ा दिये गये छत स्कूलों के उड़ गए खिड़कियों- दरवाजों के परखच्चे पत्तों के माफिक पेशावर में गोलियों से भून… Read More »भास्कर चौधुरी की रचनाएँ
मन जीवन देह और मन का संघर्ष है बरसों से कि दोनों ही अकसर साथ नहीं होते देह जीती है अपने वर और श्राप कभी… Read More »भावना सक्सैना की रचनाएँ
’कुछ नहीं’ ‘कुछ नहीं’ ये दो शब्द नहीं किसी गहरी नदी के दो पाट हैं जिनके बीच बाँध रखा है हर औरत ने अनगिन पीड़ाओं,… Read More »भावना मिश्र की रचनाएँ
हम मात्र सम्बोधन जिये अस्मिता के प्रश्न पर जग मौन है भावनाएँ मर गयीं हम मात्र सम्बोधन जिये जब उठाया शीष तो दुत्कार पायी जब… Read More »भावना तिवारी की रचनाएँ
काले धब्बे आँखों के नीचे दो काले स्याह धब्बे आकर ठहर गए और नाम ही नहीं लेते जाने का न जाने क्यों उनको पसंद आया… Read More »भावना कुँअर की रचनाएँ
नारी / हम्मर लेहू तोहर देह नारी एगो उदाहरण हए अनेकता में एकता के कंहु हए उ ममतामयी माई त कहँु निम्मन मेहरारू त कहुं… Read More »भावना की रचनाएँ
हम तो हैं हैरान सब कहते हैं प्यारा बचपन, हम तो हैं बेहद हैरान, पापा कहते बड़ा आलसी, मम्मी कहती हैं शैतान। पानी चाय पहुँचना… Read More »भालचंद्र सेठिया की रचनाएँ