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Poetry

अरविंद बख्शी की रचनाएँ

अगर अगर उन्हें आवाज मिले तो क्या बोलेंगे फूल, सबसे पहले वह बोलेंगे हमें तोड़ना भूल। अगर उन्हें उड़ना आ जाता काँटा क्या कर पाते,… Read More »अरविंद बख्शी की रचनाएँ

अरविंद कुमार की रचनाएँ

सबने देखा  पेड़ जब शीश नवाते हैं पात जब गौरव पाते हैं, हवा सिंहासन पर चढ़कर सवारी लेकर आती है। हवा को सबने देखा है।… Read More »अरविंद कुमार की रचनाएँ

अय्यूब ख़ावर की रचनाएँ

आ जाए न रात कश्तियों में  आ जाए न रात कश्तियों में फेंकूँ न चराग़ पानियों में इक चादर-ए-ग़म बदने पे ले कर दर-दर फिरता… Read More »अय्यूब ख़ावर की रचनाएँ

अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की रचनाएँ

प्रेमबंधन जो किसी के भी नहीं बाँधे बँधे। प्रेमबंधदन से गये वे ही कसे। तीन लोकों में नहीं जो बस सके। प्यारवाली आँख में वे… Read More »अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की रचनाएँ

शहनाज़ नूर की रचनाएँ

हम-सफ़र ज़ीस्त का सूरज को बनाए रक्खा हम-सफ़र ज़ीस्त का सूरज को बनाए रक्खा अपने साए से ही क़द अपना बढ़ाए रक्खा शोला-ए-याद को लिपटाए… Read More »शहनाज़ नूर की रचनाएँ

शहनाज़ इमरानी की रचनाएँ

एक ऊब  घर, इत्मीनान, नींद और ख़्वाब सबके हिस्से में नहीं आते जैसे खाने की अच्छी चीज़ें सब को नसीब नहीं होतीं जीवन के अर्थ… Read More »शहनाज़ इमरानी की रचनाएँ

शहजाद अहमद की रचनाएँ

चुप के आलम में वो तस्वीर सी सूरत उस की चुप के आलम में वो तस्वीर सी सूरत उस की बोलती है तो बदल जाती… Read More »शहजाद अहमद की रचनाएँ

अम्बिकाप्रसाद वर्मा ‘दिव्य’ की रचनाएँ

एक-रदन कुंजर-बदन, लम्बोदर लघु-नैन। सिद्धि लही जग सुमिर तुहिं, कस पाँऊ गौ मैं न।।1।। फाँदि दीठि-गुनि मन-घटहिं, रूप-कूप में डारि। को न पियत जग-मग चलत,… Read More »अम्बिकाप्रसाद वर्मा ‘दिव्य’ की रचनाएँ

शहंशाह आलम की रचनाएँ

ज़रूरी पत्रों का खोना  कितने हिंसक होते हैं वे जरूरी पत्र जो गुम हो जाते हैं हाथों में आने से पहले जिस तरह जरूरी पत्रों… Read More »शहंशाह आलम की रचनाएँ