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Poetry

श्रीप्रसाद की रचनाएँ

सुबह  सूरज की किरणें आती हैं, सारी कलियाँ खिल जाती हैं, अंधकार सब खो जाता है, सब जग सुन्दर हो जाता है चिड़ियाँ गाती हैं… Read More »श्रीप्रसाद की रचनाएँ

शरद बिलौरे की रचनाएँ

हम आज़ाद हैं… सतरंगे पोस्टर चिपका दिए हैं हमने दुनिया के बाज़ार में कि हम आज़ाद हैं । हम चीख़ रहे हैं चौराहों पर हम… Read More »शरद बिलौरे की रचनाएँ

श्रीकृष्ण सरल की रचनाएँ

सरल अभिलाषा  नहीं महाकवि और न कवि ही, लोगों द्वारा कहलाऊँ सरल शहीदों का चारण था, कहकर याद किया जाऊँ लोग वाह वाही बटोरते, जब… Read More »श्रीकृष्ण सरल की रचनाएँ

शरद चन्द्र गौड़ की रचनाएँ

प्यासी इंद्रावती नीर विहीन इंद्रावती बहती है मेरे घर के तीर कभी छूता था उसका जल मेरे घर की चौखट को बरसात में चौखट भी… Read More »शरद चन्द्र गौड़ की रचनाएँ

अनिल पुष्कर की रचनाएँ

७२० / २५० असलहों का कारीगर-1 अख़बार की सुर्ख़ियों में पढ़ना‘बिलाल’ मेरा नाम किसी कोख़बर नहीं, क्या हुआ ? उसने कहा — निशाना चूकना नहीं चाहिए… Read More »अनिल पुष्कर की रचनाएँ

अनिल पाण्डेय की रचनाएँ

धार हैं हम 1.धार हैं हमरुकना हिस्से में नहीं आताबहते रहना अनवरतनियति है हमारीकहीं स्थायित्व मिला तोबहने की खुमारी में पता ही नहीं चला 2.बहते… Read More »अनिल पाण्डेय की रचनाएँ

अनिल त्रिपाठी की रचनाएँ

इन दिनों  इन दिनों नहीं लिखी कविताएँ और चिट्ठियाँ आलेख तो दूर की बात है हाँ टी० वी० पर ख़बर सुनता रहा । और सब… Read More »अनिल त्रिपाठी की रचनाएँ

श्रीनाथ सिंह की रचनाएँ

सीखो फूलों से नित हँसना सीखो, भौंरों से नित गाना। तरु की झुकी डालियों से नित, सीखो शीश झुकाना! सीख हवा के झोकों से लो,… Read More »श्रीनाथ सिंह की रचनाएँ

अनिल जनविजय की रचनाएँ

आकाश का कायांतरण आकाश रोगी को दिखाता है तरह-तरह के चित्र कभी वो देखता है जहाज़ कभी रेफ़्रीजीरेटर, कभी कोई केंचुआ तो कभी सफ़ेद गाय… Read More »अनिल जनविजय की रचनाएँ

श्रीप्रकाश शुक्ल की रचनाएँ

एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलती एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलती वह जब भी घर से निकलती है… Read More »श्रीप्रकाश शुक्ल की रचनाएँ