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आधुनिक काल

आनंद बख़्शी की रचनाएँ

अरे रे अरे ये क्या हुआ मैंने न ये जाना अरे रे अरे ये क्या हुआ, मैंने न ये जाना अरे रे अरे बन जाए… Read More »आनंद बख़्शी की रचनाएँ

आनंद नारायण मुल्ला की रचनाएँ

निगाहों दिल का अफसाना निगाहों दिल का अफ़साना करीब-ए-इख्तिताम आया । हमें अब इससे क्या आया शहर या वक्त-ए-शाम आया ।। ज़बान-ए-इश्क़ पर एक चीख़… Read More »आनंद नारायण मुल्ला की रचनाएँ

आनंद तिवारी की रचनाएँ

खूँटियों पर टँगे हैं लोग नेकी बदी की गठरी बाँधे खूँटी-खूँटी टँगे हैं लोग किसे क्या बताएँ सब अपने रंगों में ही रंगे हैं लोग… Read More »आनंद तिवारी की रचनाएँ

आनंद गुप्ता की रचनाएँ

तुम लौट आना तुम लौट आना जैसे किसी स्त्री के गर्भ में लौटता है नया जीवन जैसे लौट आती है आवाजें चट्टानों से टकराकर हर… Read More »आनंद गुप्ता की रचनाएँ

आनंद खत्री की रचनाएँ

आओ इस उम्र के दरख़्त के साए में बैठें हम तुम आओ इस उम्र के दरख़्त के साये में बैठें हम-तुम ज़िन्दगी मेरी दराज़ में… Read More »आनंद खत्री की रचनाएँ

आनन्द किशोर की रचनाएँ

तुम भी दुआ क्या करते वास्ते ख़ुद के भी तजवीज़ दवा क्या करते ज़ख़्म होते न अगर तुम भी दुआ क्या करते दफ़अतन उनकी निगाहों… Read More »आनन्द किशोर की रचनाएँ

आनंद कृष्ण की रचनाएँ

बाद मुद्दत के …….  एक ग़ज़ल : बाद मुद्दत के ……. बाद मुद्दत के इक हंसी देखी। एक मजलूम की खुशी देखी। उनको देखा तो यूँ… Read More »आनंद कृष्ण की रचनाएँ

आनंद कुमार द्विवेदी की रचनाएँ

दो चार रोज ही तो मैं तेरे शहर का था दो चार रोज ही तो मैं तेरे शहर का था वरना तमाम उम्र तो मैं… Read More »आनंद कुमार द्विवेदी की रचनाएँ

आनंद कुमार ‘गौरव’ की रचनाएँ

पते पर जो नहीं पहुँची उस चिट्ठी जैसा मन है  पते पर जो नहीं पहुँची उस चिट्ठी जैसा मन है रिक्त अंजली सा मन है… Read More »आनंद कुमार ‘गौरव’ की रचनाएँ

शहबाज़ ख्वाज़ा की रचनाएँ

इक ऐसा वक्त भी सहरा में आने वाला है इक ऐसा वक्त भी सहरा में आने वाला है कि रास्ता यहाँ दरिया बनाने वाला है… Read More »शहबाज़ ख्वाज़ा की रचनाएँ