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आधुनिक काल

हरानन्द की रचनाएँ

कविता संग्रह नेपथ्य में अंधेरा कविता-संग्रह  नेपथ्य में अंधेरा मंच पर रोशनीनेपथ्य में अंधेरासारतत्त्वयही मेरा। दर्शकों की भीड़ मेंतालियों की गूँज मेंखोया है कहींसपनों का… Read More »हरानन्द की रचनाएँ

अंसार कम्बरी की रचनाएँ

कलजुगी दोहे केवल परनिंदा सुने, नहीं सुने गुणगान। दीवारों के पास हैं, जाने कैसे कान ।। सूफी संत चले गए, सब जंगल की ओर। मंदिर… Read More »अंसार कम्बरी की रचनाएँ

हिलाल फ़रीद की रचनाएँ

आँखों में वो ख़्वाब नहीं बसते, पहला सा वो होल नही होता  आँखों में वो ख़्वाब नहीं बसते, पहला सा वो होल नही होता अब… Read More »हिलाल फ़रीद की रचनाएँ

अंशु हर्ष की रचनाएँ

फुहारे आसमान से बरसता पानी कभी तेज़ कभी रिमझिम … सुखद अहसास है … ठंडी हवाओं का चलना और बालकनी में बैठ फुहारों से खेलना… Read More »अंशु हर्ष की रचनाएँ

हरीश निगम की रचनाएँ

नवगीत-संग्रह होंठ नीले धूप में दुख नदी भर  सुख अंजुरि-भर दुख नदी-भर जी रहे दिन-रात सीकर! ढही भीती उड़ी छानी मेह सूखे आँख पानी फड़फड़ाते… Read More »हरीश निगम की रचनाएँ

अंशु शुक्ला की रचनाएँ

तितली रानी तितली रानी, तितली रानी! कौन देश से आती हो, फूल-फूल का रस पीतो हो फिर झट से उड़ जाती हो। अपने इन सुंदर… Read More »अंशु शुक्ला की रचनाएँ

अंशु मालवीय की रचनाएँ

अकेले … और … अछूत … हम तुमसे क्या उम्मीद करते बाम्हन देव! तुमने तो ख़ुद अपने शरीर के बायें हिस्से को अछूत बना डाला,… Read More »अंशु मालवीय की रचनाएँ

हरबिन्दर सिंह गिल की रचनाएँ

Paragraph धुँआ (1) ये कैसे बादल हैंजो बिन मौसम के हैं,ये आसमान में नहीं रहतेरहते हैं, गली कूचों में । इन बादलों सेसूरज की रोशनी… Read More »हरबिन्दर सिंह गिल की रचनाएँ

अंजू शर्मा की रचनाएँ

आत्मा मैं सिर्फ एक देह नहीं हूँ, देह के पिंजरे में कैद एक मुक्ति की कामना में लीन आत्मा हूँ, नृत्यरत हूँ निरंतर, बांधे हुए… Read More »अंजू शर्मा की रचनाएँ

अंजुम सलीमी की रचनाएँ

आईना साफ़ था धुँधला हुआ रहता था मैं  आईना साफ़ था धुँधला हुआ रहता था मैं अपनी सोहबत में भी घबराया हुआ रहता था मैं… Read More »अंजुम सलीमी की रचनाएँ