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आधुनिक काल

रवीन्द्रनाथ त्यागी की रचनाएँ

पाँच बज गए पाँच बज गए दफ़्तरों के पिंजरों से हज़ारों परिन्दे (जो मुर्दा थे) सहसा जीवित हो गए… पाँच बज गए… आकुल मन शलथ… Read More »रवीन्द्रनाथ त्यागी की रचनाएँ

रवीन्द्र स्वप्निल प्रजापति की रचनाएँ

मेरे आसमान में कौन देखता है जागकर दुनिया देखकर कौन रोता है मेरे आसमां में कौन रहता है मेरे आसमाँ में कौन रोता है धरती… Read More »रवीन्द्र स्वप्निल प्रजापति की रचनाएँ

रवीन्द्र भ्रमर की रचनाएँ

गीतों से पहले पँछी में गाने का गुन है दो तिनके चुनकर वह तृप्त जहाँ होता है गीतों की कड़ियाँ बोता है ! सूखा पेड़ कँटीली… Read More »रवीन्द्र भ्रमर की रचनाएँ

रवीन्द्र भारती की रचनाएँ

महाब्राह्मण वहाँ कोई नहीं है धिकते हुए लोहे की तरह लगती हैं अपनी ही सांसें खाँसते हुए अपाढ़ है उठना-बैठना आवाज़ जो रहती थी समय-असमय… Read More »रवीन्द्र भारती की रचनाएँ

रवीन्द्र प्रभात की रचनाएँ

बनारस : दो शब्दचित्र  1. पिस्ता-बादाम की ठंडई में भांग के सुंदर संयोग से बना-रस एक घूँट में गटकते हुए बनारस गुम हो जाता सरेशाम… Read More »रवीन्द्र प्रभात की रचनाएँ

रवीन्द्र दास की रचनाएँ

लिखूँगा तो रेतों पर ही  लिखूंगा तो रेतों पर ही चाहे वह मिट जाए पल में आज अगर मैं जी न सका तो क्या रखा?… Read More »रवीन्द्र दास की रचनाएँ

रवींद्रनाथ त्यागी की रचनाएँ

जानवरों का मेला जंगल के सब जानवरों ने एक लगाया मेला, पोखर के तट वाला तम्बू बड़ी दूर तक फैला। हाथी लगा समोसे तलने भालू… Read More »रवींद्रनाथ त्यागी की रचनाएँ

रवींद्र ‘शलभ’की रचनाएँ

नाचो-गाओ  ठुमक-ठुमककर, ता-ता-थैया रुन-झुन-झुन-झुन नाचो भैया जैसे नाचें कुँवर कन्हैया! लहर-लहर लहराओ लट्टू बने रहो मत अड़ियल टट्टू, मधुर प्रेरणा तुम फूलों की करो न… Read More »रवींद्र ‘शलभ’की रचनाएँ

रविशंकर मिश्र की रचनाएँ

नज़र लग गयी घायल है, चोट किधर किधर लग गयी, सोने की चिड़िया की फिकर लग गयी। हौसला गज़ब का था गज़ब की उड़ान एक… Read More »रविशंकर मिश्र की रचनाएँ

रविशंकर पाण्डेय की रचनाएँ

जाड़े का सूरज  जाड़े का सूरज कोहरे से झाँक रहा बटन मिर्जई में ज्यों कोई बूढ़ा टाँक रहा सहमे-सहमे पेड़ खड़े हर टहनी काँपे है… Read More »रविशंकर पाण्डेय की रचनाएँ